लखनऊ : संस्कृति और पर्यटन की लघु फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय समारोह (आईएफएफसी) प्रयागराज में आयोजित होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा प्रायोजित 03 दिवसीय समारोह की शुरुआत 16 दिसंबर से होगी। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सभागार में आयोजित समारोह में पर्यटन पर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह विश्व का एकमात्र फिल्म समारोह है जो संस्कृति और पर्यटन के लिए समर्पित है।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में 16 से 18 दिसंबर तक आयोजित आईएफएफसी में सिने जगत की कई नामी हस्तियां शामिल हो रही हैं, जिनमें बोनी कपूर (फिल्म निर्माता और निर्देशक), सुनील दर्शन (प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक), कुणाल कोहली (फिल्म निर्देशक-निर्माता, लेखक और अभिनेता), अभिनय देव (फिल्म निर्देशक), मनोज जोशी (फिल्म, टीवी और थिएटर अभिनेता), प्रीति सप्रू (अभिनेत्री, निर्माता और निर्देशक), गुरमीत चौधरी (फिल्म और टीवी अभिनेता), राजेश पुरी (अभिनेता), मंजरी फडनीस (अभिनेत्री), इंदिरा कृष्णा (फिल्म और टीवी अभिनेत्री), सुभाष सहगल (फिल्म संपादक) की प्रमुख उपस्थिति रहेगी।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि महाकुंभ-2025 से पहले प्रयागराज में यह आयोजन निश्चित तौर पर फिल्म प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। इस तीन दिवसीय फिल्मोत्सव में देश-विदेश की कई प्रतिष्ठित फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जो संस्कृति और पर्यटन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करेंगी। समारोह में फिल्मों के निर्माता, निर्देशक और कलाकार अपनी फिल्मों के निर्माण प्रक्रिया तथा अनुभव भी साझा करेंगे। आईएफएफसीका उद्देश्य सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन को प्रोत्साहित करना है। इस प्रकार के आयोजनों से स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के बीच सांस्कृतिक पुल का निर्माण होता है, जो आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देता है।
पर्यटन मत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के फिल्म बनाने वालों के लिए यह फिल्मोत्सव स्वर्णिम अवसर है। फेस्टिवल में उत्तर प्रदेश के फिल्मकारों को राज्य में बनी फिल्मों के लिए पुरस्कारों का विशेष वर्ग रखा गया है। इस समारोह में फिल्मों की प्रविष्टियों और दर्शकों के प्रवेश को निःशुल्क रखा गया है। प्रयागराज में आयोजित तीन दिवसीय फिल्मोत्सव में भारतीय व अंतर्राष्ट्रीय फिल्म व टीवी जगत की अनेकों प्रसिद्ध हस्तियां भाग लेंगी।
श्री सिंह ने बताया कि प्रयागराज की अपनी सांस्कृतिक धरोहर के कारण ही इस फिल्मोत्सव के आयोजन के लिए चुना गया है। इससे पहले समारोह पिछले वर्ष वाराणसी में आयोजित हुआ था। उसे भी उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने प्रायोजित किया था। यह समारोह विभिन्न संस्कृतियों और पर्यटन स्थलों पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन करेगा, जिससे दर्शकों को वैश्विक विविधता को देखने-समझने का मौका मिलेगा। आईएफएफसी के सातवें संस्करण में 144 देशों से 4328 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं, जो समारोह की व्यापकता को दर्शाती है।
संस्कृति और पर्यटन की लघु फिल्मों के अंतरराष्ट्रीय समारोह के सातवें संस्करण में भारत के अलावा जिन देशों की फिल्में शामिल होंगी, जिनमें प्रमुख हैं- ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, अज़रबैजान, बेल्जियम, ब्राज़ील, बलगारिया, क्रोशिया, कनाडा, क्यूबा, फ्रांस, फिजी, जर्मनी, इजरायल, ईरान, इटली, जेदाह, लिथुआनिया, लेबनान, न्यूज़ीलैंड, पुर्तगाल, पाकिस्तान, पनामा, रूस, स्पेन, साउथ कोरिया, साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम (यूके), अमेरिका, उज्बेकिस्तान, ज़िम्बाब्वे इत्यादि हैं।