27.7 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आईआईटी रुड़की ने युवा संगम चरण 5 के लिए ध्वज-प्रक्षेपण समारोह आयोजित किया

उत्तराखंड

रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) ने युवा संगम चरण 5 के लिए सफलतापूर्वक ध्वजारोहण समारोह की मेजबानी की, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों के युवाओं के बीच अंतर-सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) कार्यक्रम के तहत एक पहल है।

कार्यक्रम का आरंभ औपचारिक रूप से दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिसके बाद कुलगीत का भावपूर्ण गायन हुआ और भारतीय संस्कृति की जीवंतता एवं विविधता को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू हुई। नोडल अधिकारी प्रो. एम.वी. सुनील कृष्ण ने युवा संगम पहल का एक विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें एकता और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

अपने संबोधन के दौरानछात्र कल्याण कुलशासक (डीओएसडब्लूप्रो. बरजीव त्यागी ने राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में युवाओं की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “युवा संगम छात्रों को अपने साथियों से जुड़नेविविधता को अपनाने और पूरे देश में बंधनों को मजबूत करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है। यह वास्तव में विविधता में एकता की भावना का प्रतिनिधित्व करता है।”

 कार्यक्रम में युवा संगम के एक प्रतिभागी ने प्रेरक कविताएं प्रस्तुत कीं, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं युवा सशक्तिकरण के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों से झारखंड में उत्तराखंड की समृद्ध परंपराओं एवं विरासत को प्रदर्शित करके सांस्कृतिक राजदूत के रूप में काम करने का आग्रह किया।

 सभा को संबोधित करते हुएआईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा, “यह पहल सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं युवा सशक्तिकरण के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है। आईआईटी रुड़की में, हमें ऐसे नेताओं को आकार देने में भूमिका निभाने पर गर्व है जो न केवल तकनीकी रूप से कुशल हैं बल्कि सामाजिक रूप से भी जिम्मेदार हैं।” प्रोफेसर पंत ने युवा संगम के प्रतिभागियों से झारखंड में उत्तराखंड की संस्कृति एवं परंपराओं को प्रदर्शित करने पर जोर दिया और उनसे आग्रह किया।

कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और धन्यवाद के साथ हुआ, तत्पश्चात राष्ट्रगान हुआ। युवा संगम भारत के युवाओं में सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा देने और एकता की भावना को पोषित करने का एक माध्यम बना हुआ है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More