नई दिल्ली: लंबे अंतराल के बाद मुर्शिदाबाद के लोगों ने वर्ष 2008 में संप्रग सरकार के दौरान केंद्र द्वारा किए गए वादे को वर्ष 2016 में राजग सरकार को पूरा करते हुए देखा। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद को वर्ष 2008 में जंगीपुर मेगा फूड पार्क आवंटित किया गया था, ताकि उत्तरी 24 परगना, बीरभूम, मालदा और बर्दवान के गरीब किसान एवं लोग लाभान्वित हो सकें। हालांकि, इस परियोजना को अपना शुभारंभ वर्ष 2016 में ही जाकर नसीब हो पाया।
जंगीपुर मेगा फूड पार्क का पुनरुद्धार सुनिश्चित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल द्वारा किये गये अथक प्रयासों से ही इसका शुभारंभ संभव हो पाया है, जिसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह रहा है कि पश्चिम बंगाल के इस पिछड़े क्षेत्र के गरीब किसानों को खाद्य प्रसंस्करण का विशाल महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा सुलभ कराया जाए। भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी की गरिमामय उपस्थिति में जंगीपुर मेगा फूड पार्क का उद्घाटन किया। श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘पार्क की खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में तकरीबन 250 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश से मेगा फूड पार्क लाभ उठाएगा, लगभग 500 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार सृजित होगा और इससे सीपीसी एवं ईपीसी के 6000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की आशा है और इससे जलग्रहण क्षेत्रों के लगभग 25000-30000 किसान लाभान्वित होंगे।’
इस अवसर पर श्रीमती बादल ने कहा, ‘खाद्य प्रसंस्करण के बुनियादी ढांचे से किसानों को जोड़ना और बाजारों को सृजित करना उनके प्राथमिक लक्ष्य रहे हैं, ताकि किसानों को उनकी उपज के लाभकारी मूल्य मिल सकें। मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में आधुनिक बुनियादी ढांचागत सुविधाओं से उत्तरी 24 परगना, बीरभूम, मालदा और बर्दवान के किसान एवं उत्पादक लाभान्वित होंगे। इससे प्रोसेसर एवं उपभोक्ताओं को लाभ होगा और पश्चिम बंगाल में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा। जंगीपुर में मेगा फूड पार्क को लगभग 132.71 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ 82.11 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया गया है, जिसके लिए मेरे मंत्रालय की ओर से 50.00 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।’
फूड पार्क में एसएमई के लिए पूरी तरह चालू औद्योगिक शेड की सुविधाएं हैं, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को पट्टे पर देने के लिए विकसित औद्योगिक भूखंड हैं और 8000 मीट्रिक टन के गोदाम, 5000 मीट्रिक टन के मल्टी क्रॉप कोल्ड स्टोरेज, 10000 मीट्रिक टन के आलू कोल्ड स्टोरेज, प्रत्येक प्रति घंटे 1.5 टन की आईक्यूएफ एवं पल्पिंग लाइन, 3000 मीट्रिक टन की डीप फ्रीज एवं गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला की सुविधाएं हैं।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय अपना ध्यान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने पर केंद्रित कर रहा है, ताकि कृषि क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ सके और किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में इसका व्यापक योगदान संभव हो सके और इस तरह खाद्य प्रसंस्करण ‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक प्रमुख महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
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