लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान दिया है। उच्च गुणवत्ता वाले दुधारू पशुओं गाय तथा भैंसों के प्रजनन संवर्धन एवं संरक्षण हेतु एक अलग विभाग उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद का गठन करके प्रदेश के समस्त पशु प्रक्षेत्रों का सुदृढ़ीकरण किया गया है।
यह जानकारी उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 बी0बी0एस0 यादव ने देते हुए बताया कि शासन के भरपूर सहयोग से उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा प्रदेश में दुधारू पशुओं के रिकार्ड प्रजनन, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सेक्स्ड सीमेन उपयोग की योजना शुरू की गयी है।
परिषद के सी0ई0ओ0 डा0 बी0बी0एस0 यादव ने बताया कि उ0प्र0 शासन द्वारा सेक्स्ड सीमेन योजना हेतु 126.43 लाख रुपये की धनराशि प्रदत्त की जा चुकी है। उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा 126.43 लाख रुपये धनराशि से बाराबंकी, लखीमपुर खीरी तथा इटावा में क्रमशः गाय तथा भैंसों की उच्चकोटि की गुणवत्तापरक दुधारू नस्लों के प्रजनन हेतु सेक्स्ड सीमेन का उपयोग किया जायेगा। इस योजना के तहत गाय-भैंसों में कृत्रिम गर्भाधान करके मादा पशुओं की उत्पत्ति की जायेगी।
डा0 यादव ने बताया कि सेक्स्ड सीमेन से गायों में कृत्रिम गर्भाधान द्वारा 90 प्रतिशत बछियों का उत्पादन सुनिश्चित होगा। इस विधि के सफल प्रयोग से कम समय में उच्चकोटि के अधिक दूध देने वाले दुधारू पशुओं के समूह में वृद्धि होगी। पशुपालकों/किसानों की आर्थिक दशा में भी तेजी से सुधार होगा।
डा0 बी0बी0एस0 यादव ने बताया कि अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र मझरा (लखीमपुरखीरी) के सुदृढ़ीकरण हेतु 7.96 करोड़ रुपये धनराशि की योजना लागू करके मुर्रा तथा भदावरी भैंस के अतिहिमीकृत बीर्य का उत्पादन किया जायेगा। इससे मुर्रा तथा भदावरी भैंसों से मादा मुर्रा/भदावरी बच्चे पैदा होंगे जो बड़े होकर अधिक दूध उपलब्ध करायेंगे।
डा0 यादव ने बताया कि उ0प्र0 शासन के निर्देशानुसार प्रदेश में गंगातीरी गायों, थारपारकर गायों तथा स्वदेशी नस्ल की गायों के साथ-साथ देशी भैंसों/मुर्रा तथा भदावरी नस्ल की भैंसों के संवर्धन, संरक्षण हेतु उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा ठोस एवं कारगर पहल की जा रही है।