लखनऊ: प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अरूण कुमार सिन्हा ने चिकित्सा विभाग के समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में डेंगू बुखार से ग्रसित रोगियों के उपचार की बेहतर व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए और अस्पतालों में डेंगू बुखार के भर्ती होने वाले मरीजों तथा उपचारित मरीजों के आकड़ें प्रत्येक दशा में प्रतिदिन उन्हें उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम में किसी भी प्रकार की लापरवाही और उदासीनता नही बरती जानी चाहिए। यदि किसी भी चिकित्सालय अथवा स्वास्थ्य केन्द्र पर कोई भी शिकायत मिलती है, तो संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
श्री सिन्हा आज यहां जनपथ स्थित अपने कार्यालय कक्ष में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के दौरान डेंगू बुखार आदि की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिन जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डेंगू की रिपोर्ट प्रतिदिनि उन्हें उपलब्ध नहीं कराएंगे, उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि डेंगू बुखार की जांच के लिए प्रदेश के 37 स्थानों पर परीक्षण की सुविधा सुलभ है। उन्होंने कहा कि इनमें रैपिड टेस्ट तथा एलिजा टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। इन जांचों की रिपोर्ट भी चिकित्सा विभाग के अधिकारी उन्हें प्रतिदिन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
प्रमुख सचिव ने कहा कि डेंगू बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन अस्पतालों में बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में सरकार ने दवाओं की भरपूर उपलब्धता सुनिश्चित की हैं। अधिकारी देखें कि जहां दवाइयों का अभाव है, वहां तत्काल आपूर्ति भी सुनिश्चित करें। उनके संज्ञान में आया है कि चिकित्सक डेंगू के बारे में कुछ रिपोर्ट देते है, अधिकारी उससे भिन्न रिपोर्ट तथा समाचार पत्रों में दूसरी रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है। उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि डेंगू बुखार तथा संचारी रोग से संबंधित सही-सही आकड़े एवं सूचना उपलब्ध कराई जाए। इसमें कोई भी भिन्नता नहीं होनी चाहिए।
श्री सिन्हा ने बैठक में कहा कि सरकार द्वारा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए वर्ष 2016-17 हेतु आवश्यक बजट स्वीकृत किया जा चुका है। इसका सदुपयोग सुनिश्चित करते हुए सभी आवश्यक कार्य ससमय पूरा किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान निर्माणाधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा अन्य विभिन्न निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखें। उन्होंने नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी निरंतर भ्रमण करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ समय से उपस्थित रहें।
बैठक में विशेष सचिव, स्वास्थ्य श्री अवधेश कुमार पाण्डेय, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सुनील श्रीवास्तव, निदेशक संचारी रोग डा0 सत्यव्रत, अपर निदेशक मलेरिया सहित चिकित्सा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।