देहरादून: उत्तराखंड राजधानी देहरादून के पछवादून और जौनसार बावर क्षेत्र की जनता इन दिनों रसोई गैस की परेशानी से जूझ रही है और ऊपर से गैस एजेंसियों द्वारा भी उन्हें लगातार परेशान ही किया जा रहा है। पहले जहां गैस की कालाबाजारी सुर्खियों में रहती थी, तो अब वहीं विकासनगर गैस एजेंसी ने पैसों को ठिकाने लगाने का नया तरीका इजात किया है। जिससे वे किसी की नजरों में न आ सकें और जनता की गाढ़ी कमाई को आसानी से चूना लगा सकें।
पिछले काफी दिनों से एसडीएम प्रकाश चन्द्र दुम्का को रसोई गैस की होम डिलीवरी न होने की शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद जब प्रशासन हरकत में आया तब चौकाने वाले तथ्य भी सामने आए। विकास नगर गैस एजेंसी द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग सत्तर हजार सिलेंडरों की होम डिलीवरी सिर्फ कागजों में ही दिखाई है, पर किसी के घर आज तक सिलेंडर नहीं पहुंचा।
अगर बात सिर्फ एक वर्ष की करें, तो एजेंसी प्रबंधन ने मिलीभगत कर लगभग बारह लाख से भी अधिक का चूना लगाया है। जब ये मामला पूरी तरह से पुष्ट हो गया, तब एसडीएम प्रकाश चन्द्र दुम्का ने गढ़वाल मंडल विकास निगम के जीएम को गैस एजेंसी से वसूली करने के लिए पत्र लिखा है। हरबर्टपुर की अनमोल गैस एजेंसी में भी जांच के दौरान कई अनियमितताएं मिली हैं जिस पर कारवाई के लिए लिख दिया गया है।
वहीं, कालसी स्थित गैस एजेंसी भी कालाबाजारी के लिए मशहूर है। रसोई गैस एक ऐसा मुद्दा है जो सरकार गिरा भी सकता है और बना भी सकता है। उसके बावजूद प्रदेश और देश में जिम्मेदारी के दायित्वों का निर्वाहन कर रहे नेताओं को ये बात समझ में क्यों नहीं आती है कि रसोई गैस एक आम व्यक्ति के लिए कितनी बड़ी जरूरत है।
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