नई दिल्ली: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में कनाडा के प्राकृतिक संसाधन मंत्री श्री जेम्स गॉर्डन कैर के साथ तृतीय भारत-कनाडा ऊर्जा वार्तालाप की सह-अध्यक्षता की। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कनाडा यात्रा के दौरान कनाडा और भारत के बीच द्विपक्षीय रिश्ते के दर्जे को बढ़ाते हुए ‘रणनीतिक भागीदारी’ में तब्दील कर दिया गया था। कनाडा जी-20 का एक महत्वपूर्ण सदस्य भी है।
ऊर्जा वार्तालाप के दौरान दोनों पक्षों ने ऊर्जा क्षेत्र में द्विपक्षीय भागीदारी के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। इसमें अन्य बातों के अलावा कनाडा के अपस्ट्रीम क्षेत्र में भारतीय निवेश, कनाडा से क्रूड एवं तकनीकों को हासिल करने और खोजे गए छोटे क्षेत्रों के लिए बोलियों का दौर भी शामिल है, जिसे हाल ही में लांच किया गया है। हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में दुनिया की कुछ सर्वाधिक उन्नत प्रौद्योगिकियां कनाडा के पास ही हैं। दोनों पक्षों ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में अपनाई जा रही सर्वोत्तम नियामक प्रथाओं, अनुसंधान एवं विकास सहित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग, शेल गैस व गैस हाइड्रेट्स प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर भी विचार-विमर्श किया।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने मलेशिया की पेट्रोनैस एवं अन्य भागीदारों के साथ मिलकर ब्रिटिश कोलंबिया स्थित पेसिफिक नॉर्थ वेस्ट एलएनजी परियोजना में दस फीसदी सहभागिता हिस्सेदारी हासिल कर रखी है। इस परियोजना के चालू हो जाने के बाद इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन द्वारा 1.34 एमएमटी एलएनजी का उठाव किए जाने की आशा है। इस संदर्भ में श्री प्रधान ने अपने कनाडाई समकक्ष से आग्रह किया कि इस परियोजना को आवश्यक संघीय पर्यावरणीय मंजूरियां दिलाने में तेजी लाई जाए, ताकि इसका काम जल्द पूरा हो सके। उन्होंने कनाडा की तेल एवं गैस कंपनियों को गैस क्षेत्र सहित भारत के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र से जुड़ी बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में सक्रियता के साथ भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।