लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मत्स्य विकास कार्यक्रमों/योजनाओं का जनहित में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं। नील क्रांति में सक्रियता लाने, मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्य पालन एवं मत्स्य उत्पादन बढ़ाने हेतु मत्स्य पालकों/मछुआ समुदाय के लोगों को वैज्ञानिक विधि से प्रशिक्षित एवं जागरूकता उत्पन्न करने हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है, जिसका शीघ्र अनुपालन करने के निर्देश दिए गये हैं।
यह निर्देश मत्स्य विकास विभाग की विशेष सचिव/निदेशक सुश्री पुष्पा सिंह ने सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित मत्स्य विकास के विभागीय कार्यक्रमों /योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों को दिए।
विशेष सचिव सुश्री पुष्पा सिंह ने मत्स्य विकास के मुख्यालय, मण्डल एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों को विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों तथा मत्स्य उत्पादन के लिए ब्लाक/तहसील तथा जिला एवं मण्डल स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तरीके से मत्स्य पालन/विकास एवं उत्पादन तथा मत्स्य व्यवसाय की जानकारी देने से मत्स्य पालकों को रिकार्ड मछली उत्पादन करने में सुविधा होगी।
विशेष सचिव ने मत्स्य निदेशालय में अधिकारियों/कर्मियों की कार्यालय में समय से उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
उन्होंने बैठक में उपस्थित अफसरों को सख्त चेतावनी दी है कि विभागीय कार्यक्रमों योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मियों के खिलाफ विधिक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने मत्स्य पालन हेतु तालाबों के पट्टो को आवंटन किए जाने, नये तालाबों की खुदाई तथा हैचरियों की स्थापना कार्यों में सक्रियता लाने के भी निर्देश दिए है। बैठक में मत्स्य निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी/जनपदों को मत्स्य विकास अधिकारी उपस्थित थे।