देहरादून: राज्य सरकार किसी भी कीमत पर शिक्षकों का नुकसान नही होने देगी। राज्य सरकार के शिक्षक व सभी कर्मचारी राज्य सरकार के लिए मात्र कार्मिक नही है बल्कि वे राज्य के निर्माणकर्ता है। राज्य सरकार शिक्षकों का सर्वोच्च सम्मान करती है। वेतन विसंगति समिति को सभी प्रकार की वेतन विसंगतियों में सुधार करने हेतु प्रस्ताव बनाने के निर्देश दे दिये गये है। शिक्षकों की प्रोैन्नति सम्बन्धित विवादों को सुलझाने के लिए अपर मुख्य सचिव के अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। प्राथमिक शिक्षकों को 4000 हजार पदों की हानि नहीं होने दी जायेगी राज्य सरकार उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की सभी तर्कपूर्ण मांगों पर सकारात्मकता के साथ विचार करने हेतु प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को परेड ग्राउन्ड देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित धरना स्थल पर पहुंच सम्पूर्ण राज्य से आये प्राथमिक शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए उपरोक्त विचार व्यक्त किये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वह मात्र शिक्षकों के सम्मान के लिए धरना स्थल पर उपस्थित हुए है। प्रदेश के मुख्ममंत्री ने सभी शिक्षकों को गुरू का सम्मान देते हुए सादर प्रणाम किया तथा उन्हें पूर्ण आश्वासन दिया किया संघ की सत्रह सूत्रीय मांगों पर तर्कसंगत रूप से सकारात्मकता के साथ विचार किया जायेगा तथा उनका किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं होने दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश भर के शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षक राज्य के मात्र कार्मिक ही नही निर्माणकर्ता भी है। राज्य सरकार उनकी सभी तर्कपूर्ण मांगों के प्रति गम्भीर व सकारात्मक है। राज्य सरकार ने सातवें वेतन आयोग को लागू करने का निर्णय ले लिया है। सातवें वेतन आयोग को लागू करने हेतु गठित कमेटी को निर्देश दिया गया है कि शीघ््रा ही सभी प्रक्रियाओं कों पूरा करके सभी प्रस्तावों को शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाय। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि छठे वेतन आयोग की सभी विसंगतियों का समाधान सातवे वेतन आयोग में किया जायेगा। यह भी एक उपलब्धि है कि पिछले दो वर्षो में राज्य सरकार द्वारा जितनी बड़ी संख्या में वेतन विसंगतियों को दूर किया गया है कुल मिलाकर उतनी वेतन विसगंतियां पांचवे व छठें वेतन आयोग के समय में भी नही सुधारी गई । जितने विभागीय ढांचे पिछले दो वर्षों में गठित किये गये है वह राज्य सरकार के कुल विभागीय ढांचों के जोड़ से भी अधिक है। राज्य सरकार द्वारा राज्य के विकास से सम्बन्धित सभी विषयों पर नीति निमार्ण हेतु पोलिसी फ्रेमवर्क बनाया गया है इस पोलिसी फे्रमवर्क के अन्र्तगत नीति निमार्ण में सभी स्टेकहोल्डर जैसे शिक्षक व सम्बन्धित विभाग के कर्मचारियों को शामिल किया गया है। यह नीति निमार्ण में जन भागीदीरी व लोकतांत्रिक भावना को सुदृढ़ करने का प्रयास है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की मांगों पर गम्भीरता से विचार करते हुए दो समितियों का गठन किया गया है। जिसमें वेतन विसंगति समिति को निर्देश दिये गये है कि सुधारों पर चर्चा हेतु शिक्षकों को आमंत्रित किया जाय दूसरी ओर प्रौन्नति सम्बन्धी विवादों के निवारण हेतु अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। शिक्षकों के पेंशन प्रकरणों के सम्बन्ध में वित सचिव को इस माह के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश हुए है । प्राथमिक शिक्षकों को यदि 4000 हजार पदों की हानि नहीं होने दी जायेगी राज्य सरकार इस हानि को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि शिक्षकों को 4000 पदों की हानि तथा प्रोन्नति सम्बन्धित विवादों को सुलझाने हेतु एक फ्रेमवर्क शीघ््रा तैयार किया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार अपने शिक्षकों को राज्य के निर्माण व विकास में सहभागी के रूप में देखती है तथा उनकी सभी तर्कपूर्ण मांगो व समस्याओं का निराकरण करने हेतु प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की अध्यक्षा निर्मला महर, महांमत्री दिग्विजय सिंह चैहान व कोषाध्यक्ष विनोद उनियाल के साथ ही राज्य के सभी जनपदों से आये प्राथमिक शिक्षक उपस्थित थे।