नई दिल्ली: ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों के सम्मेलन में सतत कृषि के लिए माडल विकसित और साझा करने के लिए मंच स्थापित करने पर सहमति हो गई है। यह मंच वर्चुअल सुविधा प्रदान करेगा और इसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को प्रोत्साहित करना , सतत रूप से कृषि विकास करना तथा सदस्यों के सहयोग से गरीबी उपशमन करना है।
ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की यह बैठक पहली बार हुई है। इसकी अध्यक्षता कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने की। श्री राधा मोहन सिंह ने लचीला जलवायु प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने और सूचना आदान-प्रदान क्षमता में सुधार करने का संकल्प व्यक्त किया। ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों के सम्मेलन की समाप्ति पर बयान जारी किया गया। सम्मेलन में भाग ले रहे देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की घोषणा के अनुरूप 2016 को अंतर्राष्ट्रीय दाल वर्ष घोषित करने पर सहमति व्यक्त की। बैठक में ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के कृषि मंत्रियों ने भाग लिया।
इससे पहले ब्रिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री ऱाधा मोहन सिंह ने कहा कि भारत मृदा स्वास्थ्य कार्ड और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना(सूक्ष्म सिंचाई) के माध्यम से किसानों की लागत में कमी लाने का प्रयास कर रहा है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने स्वास्थ्य कार्ड और सूक्ष्म सिंचाई के अतिरिक्त सरकार द्वारा जैविक कृषि पर बल दिए जाने की भी चर्चा की।
कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल परिणामों चुनौती से निपटने के लिए भारत ने जलवायु परिवर्तन राष्ट्रीय कार्य योजना बना कर कार्यक्रम चलाया है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन बनाया गया है ताकि भारत की खेती को विशेष एकीकृत कृषि प्रणाली , मिट्टी और नमी संरक्षण , समग्र मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन , कारगर जल प्रबंधन व्यवहार , वर्षा पोषित प्रौद्योगिकी जैसे अनुकूलन और अल्पीकरण उपायों से लचीला जलवायु उत्पादन प्रणाली में बदला जा सके।
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