हरिद्वार: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गणपति बैंकट हाॅल रूड़की में उत्तराखण्ड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन (इंटक) के स्थापना दिवस के अवसर पर एक दिवसीय सम्मेलन के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए कहा कि इटंक की मांगों पर गम्भीरता से विचार किया जायेगा। अधिकारियों से विचार-विमर्श कर जिन समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जा सकता है किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013 की आपदा के कारण उत्तराखण्ड में कृषि विकास दर एवं आर्थिक स्थिति कमजोर हुई। लेकिन आपदा से उबर कर राज्य इस समय सबसे तेज गति से तरक्की करने वाले 06 राज्यों में शामिल है। कृषि के विकास दर में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आन्दोलन करने के बजाय सकारात्मक रास्ता चुने। जो कर्मचारी एवं प्रदेश के हित में हो। उन्होंने कहा किसानों का 75 प्रतिशत गन्ना भुगतान कर लिया गया है। शेष भुगतान भी शीघ्र कर लिया जायेगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए 5 करोड़ एवं आशा कार्यकत्रियों के लिए एक करोड़ की अलग से रिवोल्विंग फंड बनाया गया है। श्री रावत ने कहा कि दो वर्ष पूर्व तक उत्तराखण्ड में दिन में औसतन 14 घण्टे बिजली की उपलब्धता रहती थी और आज 23 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने वाला राज्य बन गया है।
इस अवसर पर विधायक हीरा सिंह बिष्ट, ए.पी. अमोली, चैधरी राजेन्द्र सिंह, मनोहरलाल शर्मा, राव अफाक अली, योगेन्द्र मिश्र, जिलाधिकारी हरबंस सिंह चुघ, एस.एस.पी राजीव स्वरूप आदि उपस्थित थे।