नई दिल्ली: सभी क्षेत्रों में स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए, संस्कृति मंत्रालय 16 से 30 सितंबर, 2016 तक स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन कर रहा है। संस्कृति मंत्रालय और उसके विभिन्न संगठनों ने स्वच्छता पखवाड़े के कुशल अनुपालन के लिए सभी संभव प्रयास किए हैं। इस अवधि के दौरान, मंत्रालय ने बहुत सी पहलें की हैं जिनमें 100% ई-कार्यालय तंत्र का उपयोग, सभी संगठनों में साफ-सफाई के लिए स्थायी तंत्र की स्थापना, स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तीन अकादमियों में संगीत, नृत्य और नाटक गतिविधियों को सुनिश्चित करना, स्वच्छता विषय पर अक्टूबर में निर्धारित आगामी राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव और इस पखवाड़े तक सभी संगठनों और मुख्यालय में फाइलों के कार्य को पूर्ण किया जाना है।
मंत्रालय और उसके संगठनों के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों में स्वच्छता भाव जगाने की दिशा में आज नई दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में एक दिन के एक विशेष ‘स्वच्छता सम्मेलन’ का आयोजन किया। स्वच्छता सम्मेलन की अध्यक्षता श्री नरेन्द्र कुमार सिन्हा, सचिव (संस्कृति) ने की। स्वच्छ भारत स्वच्छ स्मारक पहल को लागू करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उठाए गए कदमों के आधार पर एक प्रस्तुति को भी सम्मेलन के दौरान पेश किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में, उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और स्वच्छता एक दूसरे से महत्वपूर्ण रूप से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे व्यक्तिगत स्वच्छता के माध्यम से हम अपनी परंपरागत गतिविधियों का अनुसरण करते हैं उसी प्रकार हम अपने आसपास के वातावरण के लिए भी इसका पालन करें। उन्होंने कहा कि “स्वच्छता” को एक पखवाड़े के रूप में मनाने की बजाय हमें इसे अपनी दैनिक आदत और एक वार्षिक गतिविधि बनाना चाहिए। सम्मेलन में मंत्रालय और अन्य संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
संस्कृति मंत्रालय के अधीन विभिन्न स्वायत्त, संबंद्ध और अधीनस्थ संगठन भी स्वच्छता पखवाड़े से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। इन संगठनों के परिसरों और इनके आसपास के क्षेत्रों में नियमित रूप से स्वच्छता अभियानों का आयोजन किया जा रहा है।
इन संगठनों ने पहले भी अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वच्छ भारत की शपथ दिलाने के माध्यम से पखवाड़े को चिह्नित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी स्वच्छता पहलों में संग्रहालय परिसरों की सफाई, स्वच्छ भारत विषय के साथ नुक्कड़ नाटक का आयोजन, स्वच्छ भारत के संदेश के साथ विभिन्न व्याख्यान और सेमिनार, इलाहाबाद में गंगा घाट पर सफाई अभियान, हैदराबाद के सालार जंग संग्रहालय के परिसर में चयनात्मक क्षेत्रों के विकास के साथ वनस्पति उद्यान आदि शामिल हैं।
भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय ने स्वच्छत भारत’ पखवाड़ा गतिविधियों के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छ भारत अभियान पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छता और सफाई पर संदेशों के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) और उनके क्षेत्रीय एवं जिला विज्ञान केन्द्र भी स्वच्छता और साफ-सफाई के बारे में सार्वजनिक रूप से जागरूकता जगा रहे हैं।