देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्राओं को शिक्षा हेतु दिये जाने वाले विशेष अनुदान व छात्राओं को दी जाने वाली विशेष छात्रवृत्ति योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया है। उन्होंने 17 मुस्लिम मेधावी छात्राओं को लेपटॉप भी शीघ्र प्रदान करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मुस्लिम छात्राओं को दी जाने वाली सहायता योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार से छात्राओं में शिक्षा के प्रति लगाव बढ़ेगा तथा इससे हमारे सेशियल इंडिकेटर को भी मजबूती मिलेगी।
सचिवालय में देर सायं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि मुस्लिम छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना का अधिक से अधिक उपयोग हो इसके प्रयास किये जाए तथा इसके लिये यदि और धनराशि की आवश्यकता होगी तो इसकी व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने मदरसा, अरबी-फारसी बोर्ड के शीघ्र गठन के भी निर्देश दिये। जिसमें एक अध्यक्ष तथा 2 उपाध्यक्षों के साथ ही सदस्यों की नियुक्ति में भी शीघ्रता लायी जाए। उन्होंने अल्पसंख्यक विकास निधि के अन्तर्गत होने वाले कार्यों, कब्रस्तानों की चाहर दीवारी, वक्फ ट्रिब्यूनल की स्थापना के साथ ही वक्फ बोर्ड के पुर्नगठन की कार्यवाही में भी तेजी लाने का कहा। उन्होंने अल्पसंख्यक वर्ग के बेरोजगारों को स्वरोजगार योजना के तहत अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी पहल करने, मौलान आजाद एजुकेशन फाइनेंस फाउण्डेशन योजना के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं की संख्या में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री हुनर योजना का भी अधिक से अधिक युवा लाभ ले सके इस पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने इस योजना के अधीन चलाये जा रहे विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए मोटर मैकेनिक का प्रशिक्षण भी इसमें जोडने को कहा। इसके लिये उन्होंने 10 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि भी स्वीकृत की।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने एक एम.एस.डी.पी. योजना के अन्तर्गत 15 करोड़ का प्रस्ताव तैयार करने को कहा। उन्होंने एम.एस.डी.पी. के तहत हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में दो-दो व नैनीताल व देहरादून में एक-एक महिला चिकित्सालय संचालित करने पर बल दिया, ताकि महिलाओं की चिकित्सा सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जा सकें। महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिये भी समेकित प्रयासों की उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने गढ़वाल व कुमांऊ में एक-एक रेजीडेशनल आईटीआई खोलने के भी निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सचिव न्याय आलोक कुमार वर्मा, सचिव डा.भूपिंदर कौर औलख, डी.एस.गर्ब्याल, अमित नेगी, अपर सचिव डा.रणजीत सिन्हा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।