लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर उत्तर प्रदेश टैªवेल राइटर्स काॅन्क्लेव, 2016 का शुभारम्भ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन के विकास की असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व की अनेक धरोहर मौजूद हैं। राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
श्री यादव ने कहा कि इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन नीति-2016 को लागू किया है। राज्य सरकार द्वारा विकसित कराए जा रहे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तथा समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे आगरा-लखनऊ-वाराणसी हेरिटेज आर्क में पड़ने वाले विभिन्न पर्यटन स्थलों के साथ-साथ नए स्थलों तक पहुंचने में पर्यटकों को सुविधा होगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन श्री नवनीत सहगल, टाइम्स आॅफ इण्डिया ग्रुप के श्री धनुषवीर सिंह व अन्य पदाधिकारी तथा उत्तर प्रदेश टैªवेल राइटर्स काॅन्क्लेव, 2016 के तहत लखनऊ भ्रमण के लिए आए समूह के सदस्य उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के पर्यटन विभाग एवं टाइम्स ग्रुप-लोनली प्लैनेट के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश टैªवेल राइटर्स काॅन्क्लेव, 2016 का आयोजन किया जा रहा है। काॅन्क्लेव के तहत देश और दुनिया के 40 से भी अधिक टैªवेल राइटर, तीन अलग-अलग समूहों में प्रदेश के हेरिटेज आर्क के विशिष्ट शहरों आगरा, लखनऊ, वाराणसी का संक्षिप्त भ्रमण करके इन शहरों की सामाजिक, सांस्कृतिक विरासत, विविध व्यंजनों तथा मेहमान नवाजी से परिचित होंगे। इन टैªवेल राइटर्स में कई प्रसिद्ध जर्नलिस्ट, फोटोग्राफर तथा ब्लाॅगर आदि शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश टैªवेल राइटर्स काॅन्क्लेव का समापन 16 अक्टूबर, 2016 को वाराणसी में मुख्य काॅन्क्लेव से होगा, जिसमें हेरिटेज आर्क के शहरों का भ्रमण करने वाले समूहों के अलावा मीडिया और इण्डस्ट्री के विशेषज्ञ प्रदेश में देश एवं दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करने के उपायों पर विचार-विमर्श करेंगे।
मुख्य काॅन्क्लेव में पैनल डिस्कशन के दो सत्र होंगे। पहले सत्र का विषय ‘उत्तर प्रदेश-सर्जिंग अहेड’ होगा। यह सत्र प्रदेश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास, विरासतों के संरक्षण व प्रदर्शन, बिजनेस फ्रेण्डली नीतियों के निर्माण पर केन्द्रित होगा। दूसरे सत्र का विषय ‘उत्तर प्रदेश वन स्टेट अमेजिंग बायोडायवर्सिटी’ होगा। यह सत्र प्रदेश को वन्यजीव पर्यटन हेतु उभरता हुआ गंतव्य बनाने तथा प्रदेश के प्राकृतिक वैभव और विरासत को संरक्षित एवं प्रदर्शित करने के सम्भव तरीकों पर विचार-विमर्श पर केन्द्रित होगा।