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बाल श्रमिकों के चिन्हांकन तथा पुनर्वासन की धीमी प्रगति पर श्रम मंत्री ने जताई नाराजगी, कारखानों/वाणिज्यिक संस्थानों के निरीक्षण की रिपोर्ट अब आन-लाइन देनी होगी

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: दिनांक 16 मार्च, 2015, बाल श्रमिकों के चिन्हांकन तथा पुनर्वासन कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाय। सरकार के ठोस प्रयासों के बावजूद उत्तर प्रदेश में बाल श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में बाल श्रमिकों की संख्या 22 लाख के आस-पास है। यह स्थिति चिन्तनीय है। श्रम अधिकारियों द्वारा इस कार्य में अधिक रूचि नहीं दिखायी जा रही है तथा चिन्हित बाल श्रमिकों का पूरा ब्यौरा भी नहीं रखा जा रहा है। उनके शैक्षिक पुनर्वासन का कार्य भी धीमी गति से किया जा रहा है।

प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री, श्री शाहिद मंजूर ने आज तिलक हाल में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में नाराजगी व्यक्त करते हुये यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि कई संस्थानों में श्रमिकों को न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है। उन्हें 12 घण्टे काम कराकर 8 घण्टे का वेतन दिया जा रहा है। अतः श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा जिलों में कैम्प लगाकर प्रचार कराया जाय कि न्यूनतम वेतन से कम वेतन दिया जाना आपराधिक कृत्य है। इसके प्रति श्रमिकों को भी जागरूक किया जाय कि वे अपने परिश्रम के अनुरूप वेतन प्राप्त करें।
श्रम मंत्री ने समीक्षा बैठक में वर्ष 1994 से बन्द पड़ी ‘‘वार्षिकी’’ का पुनः प्रकाशन आरम्भ किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने इस अवसर पर उप श्रमायुक्त के न्यायालय में लम्बित वादों की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अब कारखानों तथा वाणिज्यिक संस्थानों के जो भी निरीक्षण किये जायेंगे उनका अंकन आन-लाइन किया जाना आवश्यक किया जा रहा है। इसके लिए अप्रैल में साफ्टवेयर तैयार हो जायेगा। किये गये निरीक्षणों की मानीटिरिंग शासन स्तर पर की जायेगी।
श्रम मंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि जिन जिलों में बड़ी संख्या में निर्माण कार्य हो रहे हैं वहां पर आउटसोर्सिंग से तकनीकी सहायक नियुक्ति किये जायें ताकि सेस के रूप में अधिक धनराशि वसूल की जा सके। उन्होंने कारखानों तथा दुकानों के पंजीकरण के लिए आगामी माह से अभियान चलाने के निर्देश दिये। इस अवसर पर उन्होंने श्रमिक बस्तियों तथा भूमि के अवैध कब्जों को हटाने के भी निर्देश दिये।
आज की बैठक में सेवायोजन तथा राज्य कर्मचारी बीमा निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के कार्य कलापों की भी गहन समीक्षा की गयी।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री अरूण कुमार सिन्हा, विशेष सचिव, सुश्री अलका टण्डन, श्रमायुक्त सुश्री शालिनी प्रसाद, अपर श्रमायुक्त श्रीमती शकुन्तला गौतम, सेवायोजन निदेशक श्री राजेन्द्र प्रसाद के साथ ही समस्त उप/सहायक श्रमायुक्त, उप निदेशक/सहायक निदेशक सेवायोजन, ई0एस0आई0 के सी0एम0ओ0/सी0एम0एस0 तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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