लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा प्रस्तुत बजट की प्रमुख विशेषताएं
ऽ ऊर्जा विभाग के अंतर्गत होने वाले परिव्ययों को चुकाने लिए 2,46,23,00,45,000 (दो खरब छियालिस अरब तेइस करोड़ पैतालिस हजार रुपये) का बजट प्राविधान।
ऽ विद्युत उत्पादन इकाइयों से 63 प्रतिशत पी.एल.एफ. के सापेक्ष 29,550 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य।
ऽ विद्युत व्यवस्था में व्यापक सुधार लानेे के लिए 26,154 करोड़ रुपये की व्यवस्था, जबकि वर्ष 2011-12 में कुल 8933 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान था।
ऽ इस वर्ष विद्युत उत्पादन में 2450 मेगावाट की अतिरिक्त वृद्धि का लक्ष्य।
ऽ प्रदेश के सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में वर्ष 2019-20 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सेक्टर एवं संयुक्त क्षेत्र में 8,580 मेगावाट क्षमता की नई विद्युत परियोजनाएं।
ऽ 660 मेगावाट की हरदुआगंज विस्तार (द्वितीय) की नई परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था तथा 660 मेगावट की पनकी विस्तार के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट का प्राविधान।
ऽ 1320 मेगावाट की करछना परियोजना के लिए 110 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान।
ऽ 1980 मेगावाट की घाटमपुर परियोजना के लिए 268.86 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ1320 मेगावाट की मेजा तापीय परियोजना (द्वितीय) के लिए 356.48 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान।
ऽ 1320 मेगावाट की ओबरा ‘‘सी‘‘ परियोजना की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये तथा 1320 मेगावाट की जवाहर परियोजना कि लिए एक करोड़ रुपये का प्राविधान।
ऽ पुरानी तापीय विद्युत परियोजनाओं के जीर्णोद्धार के लिए 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ विद्युत आपूर्ति में वृद्धि के लिए पारेषण नेटवर्क विस्तार के लिए 765 केवी क्षमता के 04 नये उपकेन्द्र तथा 400 केवी क्षमता के 20 नये उपकेन्द्रों के निर्माण का लक्ष्य।
ऽ इसी तरह 220 केवी क्षमता के 31 नये उपकेन्द्र तथा 132 केवी क्षमता के 74 नये उपकेन्द्र निर्मित किए जाने का लक्ष्य।
ऽ पारेषण नेटवर्क के इन कार्यों पर 22,000 करोड़ रुपये का व्यय होगा। इसके लिए वर्ष 2015-16 के बजट में 1450 करोड़ रुपये का प्राविधान।
ऽ वितरण क्षेत्र के नेटवर्क विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण के लिए 33/11 केवी क्षमता के 550 नये विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना के साथ-साथ 850 उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि की जायेगी।
ऽ इसके अतिरिक्त 33 केवी क्षमता की 63,000 किमी0 लम्बी विद्युत लाइन के निर्माण का लक्ष्य।
ऽ वितरण क्षेत्र के इन विद्युत कार्यों के लिए 3,000 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान।
ऽ विद्युत नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए ओवरहेड लाइन हटाकर अंडरग्राउन्ड केबिल डालने के लिए 500 करोड़ रुपये का प्राविधान।
ऽ विद्युत विभाग केे सेवानिवृत्त कार्मिकों की पेंशन आदि के भुगतान के लिए विद्युत कार्मिक ट्रस्ट के लिए 1800 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए किसानों के निजी नलकूपों के विद्युत आपूर्ति हेतु 240 करोड़ रुपये के अनुदान की व्यवस्था।
ऽ पावर लूम बुनकरों को विद्युत दर में छूट की प्रतिपूर्ति के लिए 150 करोड़ रुपये का प्राविधान।
ऽ बुनकरों को विद्युत आपूर्ति हेतु स्वतंत्र फीडर की स्थापना के लिए 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था।