देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत स्थानीय आजाद मैदान टिहरी नगर में आयोजित नीति-माणा घाटी कल्याण समिति के 15वें वार्षिकोत्सव में सम्मिलित हुए। उन्होंने समिति के भवन के निर्माण के लिये 25 लाख रूपये देने की घोषणा की तथा अपेक्षा की कि समिति का भवन पर्वतीय शिल्पकला के आधार पर निर्मित हो। समिति के भवन निर्माण के लिये कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भण्डारी ने भी 21 लाख रूपये दिये जाने की सहमति दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नीति-माणा घाटी के लोग हिमालय के प्रहरी है। हमारे देवों ने हिमालय को अपना निवास बनाया, हमें अपनी हिमलयी संस्कृति के बुनियादी स्वरूप को बनाये रखना होगा। आज दुनिया फिर पीछे की ओर देख रही है। अर्वाचीन संस्कृति को बेहतर सम्मान मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सतोपंत, स्वर्गारोहण रूट को विकसित करने के साथ ही द्रोणगिरी रूट को और अधिक विकसित किया जायेगा। उन्होेंने कहा कि हमने चारधामों व अन्य पर्यटन क्षेत्रों के अवस्थापना विकास पर काफी ध्यान दिया। इस बार 15 लाख से अधिक तीर्थ यात्री आये। अधिक से अधिक लोग उत्तराखण्ड आये, इसके प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि वर्ष भर यात्रा संचालित हो, इसके लिये बद्री गंगा यात्रा लांच की जा रही है। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर बल देते हुए, कहा कि इनकी बेहतर विपणन व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। मुनस्यारी, जोशीमठ में मण्डी की स्थापना की उन्होंने जरूरत बतायी है। उन्होंने इस अवसर पर ‘‘उत्तराखण्ड हिमालय की रंग्पा जनजाति’’ पुस्तक का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रोजन्द्र भण्डारी, जनजाति आयोग के अध्यक्ष एनएस नपलच्याल, पूर्व मंत्री केदार सिंह फोनिया, सचिव डीएस गब्र्याल, संस्था के अध्यक्ष मान सिंह रावत आदि उपस्थित थे।