नई दिल्ली: युवा मामलों एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल ने कहा कि जब तक हम खेल को शिक्षा के साथ नहीं जोड़ेंगे तब तक खेल का व्यापार आधार बनाने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा। श्री गोयल आज यहां आयोजित राज्यों के युवा मामलों एवं खेल मंत्रियों और सचिवों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा खेल को उत्कृष्ट बनाने तथा इसके व्यापक आधार तैयार करने के लिए राज्य सरकारों को भी कोष बढ़ाने की जरूरत है जिससे खेल के पहले से तैयार बुनियादी संरचनाओं के रखरखाव के लिए पर्याप्त कोष उपलब्ध हो सके। यह भी वांछनीय है कि राज्यों एवं राष्ट्रीय खेल परिसंघों को उनकी उपलब्धियों के अनुसार कोष उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने कहा कि ग्रासरूट स्तर पर ‘खेलों के व्यापक आधार’ राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘खेलों की उत्कृष्टता को बढ़ावा देने’ पर राष्ट्रीय खेल नीति 2001 का विशेष बल है। सामाजिक जीवन के अन्य पहलुओं में, युवा स्वास्थ्य जागरुकता तथा सकारात्मकता और उत्पादकता में खेल की पैठ बनाने के लिए यह जरूरी है कि खेलों के विकास पर पर्याप्त बल दिया जाए।
श्री गोयल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 से व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के तहत खेलों के विकास का राष्ट्रीय कार्यक्रम- ‘खेलो इंडिया’ की अवधारणा केंद्रीय सेक्टर स्कीम बनाई गई है जिससे राष्ट्रीय खेल नीति के लक्ष्यों को साकार किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह स्कीम का लक्ष्य युवा आबादी को वार्षिक खेल प्रतियोगिताओं, खेल के क्षेत्र में प्रतिभा की पहचान, खेल अकादमियों और खेल की बुनियादी संरचनाओं के निर्माण के जरिये भारी संख्या में भागीदार बनाने का है।