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विकसित भारत का निर्माण करने के लि‍ए ‘टीम इंडिया’ समय की जरूरत है: श्री वेंकैया नायडू

देश-विदेश

नई दिल्ली: शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उपशमन तथा सूचना और प्रसारण मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि विगत में लोक लुभावने उपायों से देश के प्रमुख क्षेत्रों में निवेश पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ा है। इस कारण दीर्घकालिक परिसम्‍पत्तियों के निर्माण और कुशल उन्‍नयन पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखा गया है। इसके परिणामस्‍वरूप प्रमुख क्षेत्रों में निवेश घटा है। सरकार ने वर्तमान में बुनियादी ढांचे और सामाजिक क्षेत्र के विकास पर ध्‍यान केन्द्रित किया है। जो इस मंत्र पर आधारित है कि विकास और कल्‍याण अभिन्‍न रूप से आपस में जुड़े हैं। उन्‍होंने ऐसा आज राष्‍ट्रीय जन वित्त और नीति संस्‍थान में ‘राज्‍यों में बुनियादी ढांचे की भूमिका’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में विधायकों को सम्‍बोधित करते हुए कहा।

श्री नायडू ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्रीजी के नेतृत्‍व में कौशल विकास, स्‍वरोजगार, समग्र विकास और आर्थिक समावेश सरकार के लिए प्रमुख क्षेत्र बन गये हैं। आज सरकार का मंत्र सुधार, कार्य प्रदर्शन और रूपातंरण पर केन्द्रित है। इस संदर्भ में उन्‍होंने कहा पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटली बिहारी वाजपेयी ने बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को प्रमुखता दी थी। वे देश में कनेक्टिविटी क्रान्ति लाये और वर्तमान सरकार ने उनके कार्य को आगे बढ़ाया है। सरकार द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डालते हुए उन्‍होंने सरकार के क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए अगले तीन वर्षों में 50 नये हवाई अड्डे बनाने के कदम का जिक्र किया। उन्‍होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में पूर्वोत्तर क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 7 हजार करोड़ से भी अधिक राशि का निवेश किया जा रहा है। बुनियादी क्षेत्र में पूंजी की उपलब्‍धता सरल बनाने के संदर्भ में उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कुछ विशेष शर्तों के अधीन उधार लेने और विदेशी वाणि‍ज्यिक ऋण जुटाने के लिए कंपनियों को अनुमति दी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रियल स्‍टेट निवेश ट्रस्‍टों (आरईआईटी), बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्‍टों और तीसरी श्रेणी की वैकल्पिक निवेश कोष की इकाइयों में निवेश के लिए विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों (ईपीआई) को अनुमति दी थी। इस क्षेत्र में सरकार के बजटीय आवंटन का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार ने केन्‍द्रीय बजट 2016-17 में अनेक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 221,246 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन किया है। जिससे भारतीय बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिलने की उम्‍मीद है। अभी हाल में 93 बिलियन अमेरिकी डॉलर लागत की राजमार्ग परियोजनाओं की पहल की गई है जिसमें अगले तीन वर्षों के दौरान 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश वाली राष्‍ट्रीय राजमार्ग निर्माण परियोजना (एनएचडीपी) भी शामिल है जिससे राजमार्ग क्षेत्र काफी बढ़ावा मिलेगा।

विमुद्रीकरण के संबंध में उन्‍होंने कहा कि यह स्‍वतंत्रता प्राप्ति के बाद सबसे बड़ा सुधार है जो हथियारों और नकली दवाओं के तस्‍करों, नकली मुद्रा और हवाला ऑपरेटरों और हमारे एक पड़ोसी जो देश में काले धन में मदद, बढ़ावा और उकसा रहा है, की कमर तोड़ देगा। विमुद्रीकरण देश की आर्थिक प्रगति में मददगार सिद्ध होगा और इससे मुद्रास्फीति कम करने में मदद मिलेगी।

स्‍मार्ट सिटी मिशन की वर्तमान स्थिति का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि स्‍मार्ट सिटी योजना तय समय से आगे चल रही है। 100 में से 60 शहरों में पहले ही कार्यान्‍वयन शुरू हो गया है। 20 स्‍मार्ट शहरों के पहले बैच के लिए 82 परियोजनाएं कार्यान्‍वयन के अधीन हैं और अन्‍य 113 परियोजनाएं जल्‍दी ही शुरू की जायेंगी। कल्‍याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि किसी सरकार ने पहली बार प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, अटल पेंशन योजना और प्रत्‍यक्ष हस्‍तांतरण लाभ जैसे विभिन्‍न सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम शुरू किये हैं जिनसे गरीबों, महिलाओं, किसानों, मजदूरों और युवाओं के जीवन में सुधार लाने के साथ-साथ वे सशक्‍त भी बनेंगे।

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