लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा में पेश किये गये वर्ष 2015-16 के बजट में खादी ग्रामोद्योग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए मुख्य मंत्री श्री अखिलेश यादव जी द्वारा 136.87 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है, जिसमें खादी बोर्ड के नवीन भवन के निर्माण हेतु ब्याज रहित पूँजी ऋण के रूप 10.00 करोड़ रुपये का प्राविधान भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री नारद राय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में खादी ग्रामोद्योग में आयोजनागत (प्लान) मद में कुल 22.43 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था और आयोजनेत्तर (नाॅन-प्लान) मद में 59.16 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गयी थी, जिससे बोर्ड की विभिन्न योजनाओं का संचालन करते हुए मुख्यमंत्री रोजगार योजनान्तर्गत 1760 ग्रामोद्योगी इकाईयों की स्थापना करायी जा रही है। मुख्यमंत्री रोजगार योजना ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण योजना है। गत वर्षों में माँग के अनुरूप बजट न मिल पाने के कारण लगभग 27.00 करोड़ रुपये की देयता बनी हुई थी। जिसके क्रम में वर्ष 2015-16 हेतु 26.00 करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है, जिसमें
8.00 करोड़ रुपये लम्बित देयता के लिए प्रथम बार निर्धारित किया गया है।
वर्ष 2015-16 में आयोजनागत (प्लान) मद में कुल 74.58 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान किया गया है, जो कि पिछले वर्ष का तीन गुने से अधिक है।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं पर विशेष ध्यान देते हुए 54.60 करोड़ रुपये की धनराशि प्राविधानित की गयी है जिसमें 34.60 करोड़ रुपये की लम्बित देयता का भुगतान किया जाना है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पाँच वर्षों में 49.75 करोड़ की धनराशि खादी रिबेट हेतु स्वीकृत की गयी, जबकि वर्तमान सरकार ने गत तीन वर्षों में ही 95.02 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत/प्राविधानित की है।
उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार सृजन हेतु सतत् प्रयत्नशील है। इस कार्य हेतु आगामी वर्ष 2015-16 के लिए आयोजनागत (प्लान) मद में 74.58 करोड़ रुपये जिसमें नवीन भवन निर्माण हेतु रुपये 10.00 करोड़ की धनराशि ब्याज रहित ऋण के रूप में शामिल है।
इसमें महत्वपूर्ण ‘‘खादी बिक्री केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए रिवाल्विंग फण्ड हेतु सहायता’’ योजना प्रारम्भ की गयी है। जिसके अन्तर्गत खादी बिक्री केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण करते हुए खादी उत्पादोें की बिक्री को बढ़ावा दिया जाना प्रस्तावित है। खादी बोर्ड के नवीन भवन का निर्माण कार्य धनराशि के अभाव में अवरुद्ध हो गया था, जिसके लिए 10.00 करोड़ रुपये का प्राविधान ब्याज रहित पूँजी ऋण के रूप किया गया है। इस बजट प्राविधान से खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के कार्याें को एक नया आयाम मिलेगा जिसका सीधा लाभ ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवक, युवतियों एवं कत्तिन बुनकरों को मिलेगा।