देहरादून: प्रदेश के श्रम, सेवायोजन, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, एम.एस.एम.ई.,खादी एवं ग्रामोद्योग एवं दुग्ध विकास मंत्री उत्तराखण्ड सरकार हरीश चन्द्र दुर्गापाल की अध्यक्षता में विधान सभा सभागार में डेरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में दुग्ध के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है, इसमें निरन्तर प्रगति करते हुए हमंे प्रदेश में श्वेतक्रान्ति लानी होगी। हमें दैनिक दुग्धोपार्जन को बढावा देना होगा जिससे हमें दूध को अन्य जगह से न मगवाॅना पड़े।
बैठक में उन्होंने दुग्ध संघों के अन्तर्गत कार्यरत दुग्ध समिति, दुग्ध उपार्जन, दुग्ध विक्रय तथा पशु आहार विक्रय के लक्ष्य एवं पूर्ति की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान में 11 दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ गठित हैं। प्रदेश में 10 दुग्ध शालायें कार्यरत हैं, जिनकी दैनिक क्षमता 2.55 लाख लीटर प्रतिदिन है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास से 100 मिट्रीक टन क्षमता की पशु आहार निर्माणशाला रूद्रपुर(ऊधमसिंह नगर) में स्थापित की गयी है। इसके साथ ही 140 दुग्ध मांर्गों पर 3972 दुग्ध सहकारी समितियों गठित की जा चुकी हैं। जिसमें 153896 दुग्ध उत्पादक सदस्यों की प्रत्यक्ष भागीदारी है।
बैठक में उन्होंने प्रदेश से आये डेरी विकास विभाग के अधिकारियों एवं दुग्ध संघों के अध्यक्षों से कहा कि यह सब आपके प्रयास से ही सम्पन्न हुआ है, कि 1184 महिला डेरी समितियों में 42213 महिलाओं की प्रत्यक्ष भागेदारी हैं। उन्होंने दुग्ध संघों की सेवा नियमावली के ढाॅचें का गठन न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए फेडरेशन की सेवा नियमावली पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिये।
उन्होंने नयी समितियों के गठन के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के साथ ही जो दुग्ध समितियाॅं बन्द हैं उनको भी पुनर्जिवित करने का प्रयास संघ के अधिकारियों को अपने स्तर से करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जो दुग्ध डेरी बन्द हैं उनको पुनः प्रारम्भ करने से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी, और पूरे प्रदेश में दूध की सप्लाई की जा सकेगी।
बैठक में दुग्ध संघो के कर्मचारियों के बी0आर0एस0 के सम्बन्ध में दुग्ध विकास मंत्री ने अधिकारियों को इस पर विचार कर उन्हें भी अवगत कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा की दुग्ध संघांें में पदों के सापेक्ष कर्मचारियों को नियुक्त करें। उन्होंने दुग्ध संघ के कर्मचारियों के डी0ए0 केे सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की और कहा कि इस पर विचार कर अधिकारियों/कर्मचारियों के डी0ए0 मे बढोतरी कर इसका लाभ दिया जाय।
उन्होंने कहा कि नोट बन्दी से काश्चकारों को किसी प्रकार की समस्या आति है तो बड़े कास्तकारों को चैक के माध्यम से भुगतान एवं छोटे तथा मझौले को कैस से भुगतान करते हुए उसका त्वरित निराकरण करें। बैठक में निदेशक डेरी विकास विभाग ने अवगत कराया कि गंगा गाय महिला डेरी योजना प्रदेश में अच्छा कार्य कर रही है, जिसमें दुग्ध सहकारी समितियों की महिला सदस्यों को एक दुधारू गाय क्रय बैंक ऋण 52000 रू0 दिलाया जा रहा है। जिसमें रू0 27 हजार राज सहायता रू0 20 हजार बैंक ऋण तथा 5 हजार रू0 लाभार्थियों का अंशदान सम्मलित है। इस योजना के अन्तर्गत पिछले वर्ष 1099 दुधारू गाय क्रय के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष पूर्ति कर ली गयी है इस वित्तीय वर्ष मे निर्धारित 2000 दुधारू गाय क्रय का लक्ष्य है। जिसमें बजट प्राविधान के सापेक्ष 1040 की पूर्ति प्राप्त की गयी है। अवशेष लक्ष्यों की पूर्ति हेतु कुल 240 लाख के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी। बैठक में उन्होंने मंत्री जी को अवगत कराया कि दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना से भी आच्छादित किया जा रहा है।
उन्होंने महिला दुग्ध संघ चमोली बनाये जाने पर अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि इस प्रकार के संघ और बनायें जिससे महिलाओं को आजिविका के स्रोत मिल सके।
बैठक में अपर मुख्य सचिव डेरी विकास डाॅ0 रणबीर सिंह, अपर सचिव डेरी विकास विभाग आनन्द स्वरूप, अध्यक्ष यू.सी.डी.एफ. अर्जुन सिंह रौतेला, अध्यक्ष नैनीताल दुग्ध संघ संजय सिंह किरौला, निदेशक डेरी विकास ललित मोहन रयाल, संयुक्त निदेशक डेरी विकास विभाग जयदीप अरोड़ा, उपनिदेशक डेरी विकास विभाग संजय उपाध्याय सहित उत्तराखण्ड के सभी दुग्घ संघो के पदाधिकारी मौजूद थे।