नई दिल्ली: मंत्रिमंडल द्वारा 2008 में स्वीकृत भारत की एकीकृत ऊर्जा नीति में कहा गया है कि 90 दिनों के तेल आयात के बराबर सुरक्षित भंडार रखा जाना चाहिए। ऐसा रणनीतिक और सुरक्षित स्टॉक उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए और उपलब्ध पड़ोस के बड़े भंडारों से आपातकालीन आपूर्ति के लिए खरीद विकल्प के रूप में रखा जाना चाहिए। ऐसे भंडार सिंगापुर में हैं। सुरक्षित भंडार का इस्तेमाल मूल्य में कम अवधि के उतार चढ़ाव से निपटने में किया जाना चाहिए। ऐसे भंडार रखने वाले देशों के साथ मिलकर रणनीतिक सुरक्षित भंडार संचालन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रशासनिक क्षेत्र अधिकार के अंतर्गत भारतीय रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार लिमिटेड (आईएसपीआरएल) ने तीन स्थानों पर रणनीतिक भंडारण केन्द्रों का निर्माण किया है। ये केन्द्र विशाखापत्तनम, मंगलोर और पदुर में स्थापित किये गये हैं। विशाखापत्तनम और मंगलोर में सुविधाएं शुरू हो गई हैं। आईएसपीआरएल ने कर्नाटक के पदुर में भूमिगत कच्चा तेल भंडारण का निर्माण किया है। 2017 की पहली तिमाही से यहां कच्चे तेल के भंडारण का काम शुरू हो जाएगा।
आईएसपीआरएल ने भारत सरकार की ओर से प्रसिद्ध कंपनियों/ट्रेडरों/वित्तीय संस्थानों/बहुराष्ट्रीय कंपनियों से प्राथमिक अभिरूचि अभिव्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से या कंसोटियम के रूप में आमंत्रित किया है। इसके चार विभाग कुल 19.4 मिलियन बैरल की कुल भंडारण क्षमता प्रदान करते हैं। पदुर सुविधा प्रति वर्ष 15 एमएमटी क्षमता की मंगलोर रिफाइनरी तथा पेट्रो रसायन लिमिटेड (एमआरपीएल) से जुड़ी है।
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