देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत बालावाला स्थित सरदार भगवान सिंह पोस्ट ग्रेज्युएट इंस्टीट्यूट आफ बायोमेडिकल सांइस एण्ड रिसर्च के 23वें वार्षिकोत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर संस्थान की मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि किसी भी संस्थान की पहचान गारे और पत्थर से नहीं बल्कि उससे जुडें लोगों के परिश्रम से बनती है। संस्थान की अधिक से अधिक लडकियों द्वारा गोल्ड मेडल प्राप्त करने को सुखद बताते हुए उन्होने कहा कि जिस समाज मंे महिलायें हिम्मत के साथ आगे बढ़ती है वह बराबर तरक्की करता है, इससे समाज को आगे बढ़ने में मदद मिलती है। उन्होने कहा कि लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़े इसके प्रयास होने चाहिए। आज समय दौड़ने का है, फस्र्ट में भी फस्ट आने का है। जीवन की चुनौती का सामना करने के लिए संकल्प शक्ति की जरूरत होती है। छात्रों को इसके लिये अपने को तैयार करना होगा।
उन्होंने कहा कि कोई कर्मयोगी जब किसी लक्ष्य को लेकर किसी संस्थान की शुरूआत करता है तो उसे समाज से अवश्य सहयोग मिलता है। उन्होने भरोसा जाताया कि यह संस्थान बदलते परिवेश के साथ आधुनिक विषयों का चयन कर शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश व देश में अपना नाम रोशन करेगा। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान अच्छा विश्वविद्यालय भी साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों में विषम परिस्थितियों की चुनौती का सामना करने की बडी ताकत है। संकट प्रबंधन की भी उनमें ताकत व क्षमता है। आपदा से जूझते हुए 2014 की गिरती अर्थव्यवस्था को उबारने में इससे बड़ी मदद मिली है। आज हम देश के 6 तेजी से विकास करने वाले राज्यों में शामिल है। तरक्की का लाभ सभी को होता हैै। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा में सर्वाधिक खर्च करने वाले राज्य है। हम इसे और बढ़ायेंगे। शिक्षा, खेती, दस्तकारी, प्रकृति के साथ अच्छा सामंजस्य बनाकर और बेहतर करने का हमारा प्रयास है। पिछले साल हमने 2000 युवाओं को नौकरी मांगने के बजाय नौकरी देने वाला बनाया है। अगले 5 सालों में हमारा लक्ष्य 50 हजार युवाआंे को नौकरी देने वाला बनाने का है।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा, संस्थान के चैयरमैन एस0पी0सिंह, संस्थान के निदेशक प्रो0 एस0पी0गर्ग सहित संस्थान के अन्य पदाधिकारी, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
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