नई दिल्ली: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में 5वें आईईएफ-आईजीयू मंत्रीस्तरीय फोरम का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय पैट्रोटेक-2016 के समांतर कार्यक्रम के रूप में मंत्रीस्तरीय फोरम आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर ब्राजील के ऊर्जा और खान मंत्री महामहिम फर्नांडो बेजेरा फिल्हो, साइप्रस के वाणिज्य, उद्योग और पर्यटन मंत्री महामहिम श्री यिओरगोस लाकोट्रीपिस, नाइजीरिया के पेट्रोलियम और गैस मंत्री महामहिम डॉ. एम्मानुएल इबे काचीकू, कतर के ऊर्जा और उद्योग मंत्री महामहिम श्री मोहम्मद बिन सालेह अल-सदा, इराक के तेल मंत्रालय में गैस मामले उपमंत्री महामहिम डॉ. हामिद यूनिस सालेह, ओपेक के महासचिव श्री मोहम्मद सानुसी बरकिंदो, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच के महासचिव डॉ. सन झियांगशेंग, अंतरराष्ट्रीय गैस यूनियन के अध्यक्ष श्री डेविड कैरोल और अंतरराष्ट्रीय गैस यूनियन के महासचिव श्री लुइस बरत्रान रफेकास भी उपस्थित थे।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि इस बैठक का विषय ‘विकास के लिए गैस: आर्थिक समृद्धि और जीवन स्तर में सुधार’ भारत में की गई पहलों की कहानी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय औसत की तुलना में भारत के प्राथमिक ऊर्जा बॉस्केट में गैस की भागीदारी लगभग 6.5 प्रतिशत है और हमने प्राथमिक ऊर्जा बॉस्केट में गैस के इस वर्तमान स्तर को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसका अर्थ है कि भविष्य में गैस की खपत लगभग 50 बीएमसी से बढ़कर 200 बीएमसी से अधिक हो जाएगी। मंत्री महोदय ने कहा कि गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर जाने के लिए घरेलू उत्पादन के साथ ही आयात, पर्याप्त निवेश, एलएनजी आयात टर्मिनल और शहरों में गैस वितरण के बुनियादी ढांचे और अनुदानों के रूप में वित्तीय सहायता के जरिए प्राकृतिक गैस की पर्याप्त उपलब्धता की आवश्यकता होगी। श्री प्रधान ने इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा बॉस्केट में गैस की 15 प्रतिशत की भागीदारी की अर्थव्यवस्था की मांग को पूरा करने के लिए इसके अनुरूप बुनियादी ढांचे की आवश्कता होगी और सरकार इसके लिए तैयार है। इस महत्वकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में पूरे उद्योग जगत, उपभोक्ताओं और लोगों से समर्थन का आह्वान करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि सरकार अकेले यह लक्ष्य हासिल नहीं कर सकती है।
प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बारे में मंत्री महोदय ने कहा कि शैल और गैस हाइड्रेट जैसी गैस प्रौद्योगिकीयों पर विश्व के देशों के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता है। इसी प्रकार भारत सहित बड़ी संख्या में एशियाई एलएनजी खरीददारों के एक साथ आने से लाभ होगा और इससे अधिक एक समान व्यापार संधि करना संभव होगा।