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वाईजैग स्‍टील भारतीय रेल के माध्‍यम से ब्रांड छवि प्रोत्‍साहित करता है

देश-विदेश

नई दिल्ली: इस्‍पात देश की प्रगति के लिए एक महत्‍वपूर्ण घटक है और भारतीय रेल उत्‍पाद को बढ़ावा देने के लिए सर्वाधिक लागत प्रभावित माध्‍यम है। वाईजैग स्‍टील ने समता एक्‍सप्रेस के माध्‍यम से अपनी ब्रांड छवि विकसित करने के लिए रेलवेका चयन किया है। यह बात केंद्रीय इस्‍पात मंत्री चौधरी वीरेन्‍द्र सिंह ने कही। चौधरी वीरेन्‍द्र सिंह रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु के साथ समता एक्‍सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना कर रहे थे।

श्री सुरेश प्रभु और इस्‍पात मंत्री चौधरी वीरेन्‍द्र सिंह ने एक साथ आज नई दिल्‍ली के निजामुद्दीन रेलवे स्‍टेशन पर दैनिक रेलगाड़ी हजरत निजामुद्दीन-विशाखापत्तनम को समता एक्‍सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना कर रहे थे। अब इस रेलगाड़ी का नाम वाईजैग स्‍टील समता एक्‍सप्रेस हो गया है। वाईजैग स्‍टील समता एक्‍सप्रेस रेलगाड़ी को पूरी तरह वाईजैग स्‍टील के उत्‍पादकों आकर्षक चित्रों से सजाया गया है।

चौधरी वीरेन्‍द्र सिंह ने मंदी के समय वाईजैग स्‍टील की सक्रियता की सराहना करते हुए कहा कि वाईजैग स्‍टील ने अपने विपणन प्रयासों को मजबूत और सक्रिय बनाया। उन्‍होंने बताया कि इससे वाईजैग स्‍टील की बाजार पहुंच न केवल शहरी और ग्रामीण बाजारों में बढ़ेगी बल्कि इससे देश में इस्‍पात की प्रति व्‍यक्ति खपत 61 किलोग्राम से बढ़कर वैश्विक स्‍तर 200 वॉट किलोग्राम करने में मदद मिलेगी।

वाईजैग स्‍टील सार्वजनिक क्षेत्र के इस्‍पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) का ब्रांड नाम है और इसकी वार्षिक क्षमता 6.3 मिलियन टन है। यह देश का लंबा इस्‍पात उत्‍पादक, वायर रॉड रिबार और निर्माण तथा अवसंरचना क्षेत्र में काम आने वाले उत्‍पादकों का आपूर्तिकर्ता है। वाईजैग स्‍टील को गुणवत्‍ता और संचालन क्षमता के लिए जाना जाता है। यह पहला एकीकृ‍त इस्‍पात संयंत्र है जिसे गुणवत्‍ता, स्‍वास्‍थ्‍य, सुरक्षा तथा पर्यावरण के लिए प्रामाणित किया जाना है।

इस अवसर पर श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के अन्‍य प्रतिष्‍ठानों को भी भारतीय रेल के माध्‍यम से अपने उत्‍पादों को प्रोत्‍साहित करने के लिए लाभ उठाना चाहिए। भारतीय रेल की पहुंच व्‍यापक है और कोई भी माध्‍यम व्‍यापकता की दृष्टि से भारतीय रेल के बराबर नहीं है।

आरआईएनएल के अध्‍यक्ष और प्रबंधक निदेशक पी मधुसूदन ने कहा कि इस्‍पात और भारतीय रेल का संबंध अनूठा है। इस्‍पात उद्योग कच्‍चे उत्‍पादों तथा तैयार उत्‍पादों की ढुलाई के लिए काफी हद तक भारतीय रेल पर निर्भर करता है और बदले में इस्‍पात संयंत्र रेलवे को ट्रैक, रॉलिंग, स्‍टॉक, पुल और स्‍टेशनों को बनाने के काम में इस्‍पात उपलब्‍ध कराता है। उन्‍होंने बताया कि आरआईएनएल भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के अनुरूप रेलवे के लिए आयातित वस्‍तुओं की जगह इन वस्‍तुओं का उत्‍पादन शुरू करने की प्रक्रिया में है।

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