नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति महामहिम श्री इमोमाली रहमोन का स्वागत किया। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने उनके सम्मान में एक प्रीतिभोज का आयोजन भी किया।
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारत में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि भारत की उनकी यात्रा भारत-ताजिकिस्तान राजनयिक संबंधों की 25वीं साल गिरह की पूर्व संध्या पर है। यह दोनों देशों के बीच जारी मित्रता और उन मूल्यों का प्रमाण है, जो हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को देते हैं। भारत पूर्व सोवियत संघ के विघटन के बाद ताजिकिस्तान के उद्भव को मान्यता देने वाले पहले देशों में एक था। पिछले 24 वर्षों के दौरान हमारा एक सार्थक सहयोग रहा है।
राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत ताजिकिस्तान में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने में, जिसका क्षेत्र में समान हितकारी परिणाम है, राष्ट्रपति रहमोन की भूमिका को स्वीकार करता है।
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने इसके बाद अपने प्रीतिभोज संबोधन में कहा कि भारत उस घनिष्ठ सहयोग की सराहना करता है, जो हमारे बीच संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में है। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने तथा शंघाई सहयोग संगठन में अपनी सदस्यता के न्यायोचित दावे में ताजिकिस्तान के समर्थन के लिए कृतज्ञ है।
राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि एक पड़ोसी के रूप में हमारी अपने क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता की एक साझा दृष्टि है, हम दोनों अपनी चिंताओं पर कारगर तरीके से ध्यान देने के लिए अपनी प्रतिरक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की इच्छा रखते हैं। विश्व और विशेष रूप से हमारे क्षेत्र के सामने आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है। भारत और ताजिकिस्तान दोनों ही सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में इस खतरे के खिलाफ हैं। एक धर्म निरपेक्ष और बहुलवादी समाजों के रूप में हमारे नागरिकों की इच्छा शांतिपूर्ण तरीके से रहने की है। हमारे लिए हमारे राष्ट्रों का विकास एवं प्रगति सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। हम अपने आपसी मित्र एवं पड़ोसी अफगानिस्तान के समर्थन के प्रति भी वचनबद्ध हैं, जिससे कि वह अफगान केंद्रित एवं अफगान से जुड़ी शांति प्रक्रिया में अपने लोगों के लक्ष्यों एवं आकांक्षाओं को प्राप्त कर सके।