लखनऊ: प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग एवं उ0प्र0 राज्य उच्च शिक्षा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आज एक दिवसीय प्फ।ब् कार्यशाला का आयोजन नेशनल पी0जी0 कालेज, 2-राणा प्रताप मार्ग, लखनऊ में आयोजित किया गया।
इस कार्यशाला के कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 आर0पी0एस0 यादव, अपर सचिव, उ0प्र0 राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा किया गया। कार्यशाला का प्रारम्भ दीप प्रज्जवलन एवं सरस्वती प्रतिमा पर माल्यापर्ण के साथ हुआ। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो0 डाॅ0 एस0एस0 कटियार अध्यक्ष, उ0प्र0 राज्य उच्च शिक्षा परिषद, श्री अनिल गर्ग, सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, श्री बी0बी0 सिंह एवं श्री ओ0पी0 वर्मा विशेष सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, डाॅ0 महेन्द्र राम, निदेशक, उच्च शिक्षा डा0 एस0पी0 सिंह प्राचार्य, नेशनल पी0जी0 कालेज, डा0 ए0के0 गोयल, संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा तथा डा0 आलोक कुमार श्रीवास्तव, डा0 दिनेश चन्द्र शर्मा, डाॅ0 आर0पी0 यादव एवं डा0 ए0के0 सक्सेना त्मेवनतबम च्मतेवदे के रूप में उपस्थित हुए।
प्रो0 एस0एस0 कटियार अपने सम्बोधन में कहा कि छ।।ब् संस्था से मूल्यांकन प्रक्रिया कोई परीक्षा नही है। बल्कि शिक्षा के स्तर को मूल्यांकित कराने का आधार पर उन्होंने यह व्यक्त किया कि देश के साथ-साथ राज्य के लिए अति महत्वपूर्ण है। उच्च शिक्षा के स्तर को इस स्थिति तक बढ़ाया जाना चाहिए जिससे शिक्षार्थियों को सेवायोजन प्राप्त करने में कठिनाई न हो।
सचिव, उच्च शिक्षा विभाग श्री अनिल गर्ग ने अपने सम्बोधन में छ।।ब् मूल्यांकन को राज्य सरकार की प्राथमिकता का उल्लेख करते हुए कहा कि जिन उच्च शिक्षण संस्थाओं द्वारा छ।।ब् प्रक्रिया को अभी तक प्रारम्भ नहीं किया गया है वे शीघ्रतिशीघ्र प्रारम्भ करें एवं स्व्प् भिजवायें और जिन्होंने आवेदन कर रखा है और छ।।ब् च्ममत ज्मंउ भ्रमण कार्यक्रम के निर्धारण के लिए जो औपचारिकताएं हो उन्हें तत्काल पूरी कराने की आवश्यकता हैं यह तभी सम्भव है जब कि स्वप्रेरणा से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता वृद्धि के लिए सार्थक कदम उठायेंगे। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि ऐसे महाविद्यालयों के प्राचार्य /को-आर्डिनेटर इस कार्यशाला में आमंत्रित किये गये थे और जिन्होंने छ।।ब् मूल्यांकन की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं कि है वह इस कार्यशाला में उपस्थित नहीं हुए हैं उनका उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जायेगी। डाॅ0 एस0पी0 सिंह प्राचार्य द्वारा अपने सम्बोधन में कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में ई-लाईब्रेली की सुविधाओं में वृद्धि करके शिक्षा के स्तर पर जोर दिया जाना चाहिए जिससे अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें। त्मेवनतबम च्मतेवदे द्वारा छ।।ब् मूल्यांकन में आने वाली कठिनाईयों का निराकरण करते हुए विस्तृत चर्चा की गयी एवं उनके समुचित उपाय भी बताये गये।
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