लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री राम नरेश यादव के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें सादगी पसन्द नेता बताया। उन्होंने कहा कि सामाजिक सरोकारों को लेकर संघर्ष करते हुए उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। श्री पाण्डेय ने आज विधान सभा में स्व0 राम नरेश यादव को श्रद्धांजलि देते हुए यह बात कही।
इस अवसर पर सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा राजनैतिक रूप से जागरूक जनपद आजमगढ़ से अपना राजनैतिक सफर शुरू करने वाले स्व0 राम नरेश यादव जी जमीन से जुड़े नेता थे। 01 जुलाई, 1928 को जनपद आजमगढ़ के गांव आंधीपुर में एक साधारण किसान परिवार में पैदा होकर देश के सबसे बड़े सूबे का मुख्यमंत्री और फिर मध्य प्रदेश जैसे राज्य के राज्यपाल के पद तक पहुंचना उनकी राजनीतिक प्रतिभा को प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राम नरेश यादव जी के समय में आज की तरह संचार माध्यमों की उपलब्धता नहीं थी। इसके बावजूद वे जन-जन तक पहुंचने में सफल रहे। इससे स्पष्ट है कि उनमें जनता की नब्ज एवं मनोविज्ञान समझने की पूरी क्षमता थी। वे जनता के बीच रहते हुए जनहित के लिए लगातार संघर्ष करते रहे और इसी का परिणाम था कि वे एक जन नेता के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे। बीमारी के बाद 22 नवम्बर, 2016 को उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु से समकालीन राजनीति ने एक गांधीवादी नेता को खो दिया है।
श्री राम नरेश यादव के राजनीतिक जीवन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जनपद आजमगढ़ में ही जन स्वीकृति नहीं प्राप्त की, बल्कि वर्ष 1977 में जनपद एटा के विधान सभा क्षेत्र निधौलीकलां तथा वर्ष 1985 में जनपद फिरोजाबाद के विधान सभा क्षेत्र शिकोहाबाद का भी प्रतिनिधित्व किया। वे संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से लोक सभा एवं उत्तर प्रदेश से राज्य सभा में भी सदस्य रहे थे।
इस अवसर पर बहुजन समाज पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष श्री गया चरण दिनकर, भारतीय जनता पार्टी के श्री सुरेश कुमार खन्ना, कांग्रेस पार्टी के श्री प्रदीप माथुर तथा राष्ट्रीय लोकदल के श्री दलवीर सिंह ने भी स्व0 राम नरेश यादव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से अपने-अपने दलों की भावनाओं से उनके परिजनों को अवगत कराने का अनुरोध किया।