लखनऊ: सपा में घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव और आजम खान की बैठक के बाद अखिलेश और रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया गया है. अब एक बार फिर दोनों की पार्टी में वापसी हो गई है. माना जा रहा है कि आजम खान ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई. उसी का नतीजा है कि एक बार फिर सुलह की गुंजाइश बनी और सपा सुप्रीमो ने बैठक खत्म होने के तत्काल बाद अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव के निष्कासन को रद्द करते हुए उनकी पार्टी में वापसी का फैसला लिया.
इस बैठक में शिवपाल और अबू आजमी भी मौजूद थे. बैठक में आजम ने अखिलेश के साथ मिलकर अमर सिंह को निकालने की मांग भी की. आजम ने कहा कि अगर अमर सिंह को निकाला जाता है तो सब ठीक होगा.
अब सब कुछ ठीक हो गया है: शिवपाल यादव
शिवपाल यादव ने कहा पार्टी में अब सब कुछ ठीक हो गया है. उम्मीदवारों पर सब मिलकर बात करेंगे. अखिलेश और रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया गया है.हम यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे. सांप्रदायिक ताकतों से मिलकर लड़े हैं और मिलकर लड़ेंगे.
नेताजी के आदेश अनुसार अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। सब साथ (1/2)
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 31, 2016
इससे पूर्व शुक्रवार को टिकट बंटवारे को लेकर टकराव इतना बढ़ा कि पांच साल पहले अपनी विरासत बेटे को सौंपने वाले पिता मुलायम सिंह यादव ने उसी बेटे अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से ही निकाल दिया था.
अखिलेश से मिलने बड़ी संख्या में पहुंचे थे विधायक और मंत्री
शुक्रवार को पूरे दिन चले इस सियासी तूफान के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधायकों की बैठक बुलाई थी.करीब 200 से अधिक विधायक और 30 से ज्यादा एमएलसी और नेता अखिलेश से मिलने पहुंचे थे. उधर, दूसरी ओर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सपा मुख्यालय पर बैठक बुलाई थी जिसमें करीब 20 विधायक और 60 उम्मीदवार पहुंचे थे. कह सकते हैं कि मुलायम से मिलने गिने-चुने लोग पहुंचे. दरअसल, इसके पीछे वजह साफ है कि पार्टी के लोग मुलायम सिंह यादव का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें अपना भविष्य अखिलेश यादव ने दिखाई दे रहा है.
चुनाव जीतकर नेताजी को तोहफा देना है: अखिलेश
जानकारी मिली है कि अखिलेश यादव बैठक में भावुक हो गए. उन्होंने कहा- हमें 2017 का चुनाव जीतकर नेताजी को तोहफे के तौर पर देना है. दरअसल अखिलेश बहुत संभलकर बात कर रहे हैं. वह इस माहौल में ऐसी कोई बात नहीं कहना चाहते जिससे यह लगे कि बेटे ने पिता से बगावत की है.
समर्थक ने की आत्मदाह की कोशिश
शुक्रवार को अखिलेश और रामगोपाल को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकाले जाने के बाद बड़ी संख्या में अखिलेश समर्थक उनके घर के बाहर जमा हो गए और अखिलेश के समर्थन में नारेबाज़ी करने लगे. एक समर्थक ने तो आत्मदाह की भी कोशिश की. अखिलेश समर्थक मुलायम सिंह यादव से अपना फैसला वापस लेने की मांग कर रहे थे. समर्थकों को उग्र होते देख अखिलेश ने अपने एक विधायक को समर्थकों के बीच भेज कर संयम बरतने का संदेश दिया. साथ ही किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनज़र मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के घर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम के निर्देश दिए.
साभार एनडीटीवी इंडिया