लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 300 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में 200 करोड़ रुपए की धनराशि पूर्व में ही जारी की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि बारिश से अब तक किसानों की लगभग 870 करोड़ रुपए की फसल का नुकसान आकलित हुआ है। अब तक राज्य सरकार द्वारा 500 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की गई है। राहत कार्य के त्वरित वितरण के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे टी0आर0-27 के तहत 370 करोड़ रुपए आकस्मिक आहरण कर किसानों को प्राथमिकता पर मदद पहुंचाएं।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को राहत वितरण के कार्य का दैनिक अनुश्रवण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि फसलों के नुकसान की भरपाई और किसानों की मदद के लिए शासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जिला स्तर पर की जा रही कार्रवाई की नियमित समीक्षा की जाए। इसके लिए वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर उन्हें (मुख्यमंत्री को) अवगत कराया जाए।
श्री यादव ने आम और आलू की फसल के नुकसान के बारे में जनपदों से रिपोर्ट प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा बैंकों से लिए गए कर्ज की वसूली स्थगित करने तथा किसानों के अन्य प्रकार के ऋण की भुगतान प्रक्रिया के पुनर्निर्धारण के लिए कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सैम्पिल चेकिंग कराकर यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई प्रभावित किसान मदद पाने की पात्रता से वंचित तो नहीं रह गया। उन्होंने फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों को शीघ्र क्षतिपूर्ति वितरण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने राहत आयुक्त के कार्यालय में नियंत्रण कक्ष की स्थापना एवं एक टोल फ्री फोन नम्बर की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति संवेदनशील है। इसके मद्देनजर प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य आकस्मिकता निधि से 200 करोड़ रुपए की धनराशि पूर्व में जारी की गई है। अब तक 105 करोड़ रुपए मदद के तौर पर किसानों को वितरित किए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा मुख्य देयों की वसूली स्थगित कर दी गई है और अन्य मदों में वसूली में किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई में रोक लगाई जा चुकी है। केन्द्र सरकार द्वारा नुकसान के सम्बन्ध में दी जाने वाली दैवीय आपदा राहत राशि से दोगुनी अधिक राशि राज्य सरकार अपने संसाधनों से किसानों को उपलब्ध करा रही है। किसी भी किसान की मृत्यु की खबर मिलने पर जिलाधिकारियों को तत्काल मौके पर जाकर तथ्यों का पता लगाने तथा प्रकरण के सम्बन्ध में शासन को रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। पहले चरण की बरसात से किसानों को हुई भारी क्षति से राहत पहुंचाने के लिए भारत सरकार से 744 करोड़ रुपए का राहत पैकेज स्वीकृत करने का अनुरोध किया गया है।