नई दिल्ली: विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज यहां अंग्रेजी ब्रेल में ‘एटलस फॉर विजुअली इम्पेयर्ड (इंडिया)’ का विशेष संस्करण जारी किया। इस ब्रेल एटलस को विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के अधीन राष्ट्रीय एटलस एवं थिमैटिक मानचित्रण संगठन (एनएटीएमओ) ने तैयार किया है।
एटलस बनाने के लिए मंत्री महोदय ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधित छात्रों की शिक्षा के लिए देशभर के विभिन्न स्कूलों में इन मानचित्रों को वितरित किया जाएगा।
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि सभी सरकारी विभाग इस काम को पूरा करेंगे। इस समय 20 मानचित्रों वाले प्रत्येक एटलस की मौजूदा कीमत 600 रुपये है, जिसके मद्देनजर इन एटलस को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने के प्रयास किया जा रहे हैं।
ब्रेल एटलस में मानचित्रों की रेखाओं को उभारा गया है और ऐसे संकेत दिये गए हैं जिनका स्पर्श करके स्थान की जानकारी मिल सकती है। लगभग 20 मानचित्रों में भारत के भौगोलिक, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक पक्षों के अलावा नदियों, वनों, महानगरों, सड़कों, रेलवे, फसलों इत्यादि की जानकारी भी दी गई है। उल्लेखनीय है कि इस एटलस को 3 जनवरी, 2017 में तिरूपति में आयोजित भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया गया था।
भारत में 50 लाख से अधिक दृष्टिबाधित लोग रहते हैं जिनमें ज्यादातर लोग कम आय समूह के हैं। इनके लाभ के लिए एनएटीएमओ ने नक्शों के जरिये वैज्ञानिक सूचना प्रदान कनरे का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी तक दृष्टिबाधितों के ज्ञान वर्धन के लिए पुस्तकें और अन्य साहित्य उपलब्ध हैं लेकिन इस एटलस के जारी होने के बाद दृष्टिबाधितों को भारत की भौगोलिक जानकारी प्राप्त होगी।
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