देहरादून: गुरूवार को विधान सभा स्थित सभागार में शिक्षा एवं पेयजल मंत्री उत्तराखण्ड सरकार मंत्री प्रसाद नैथानी प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के सम्बन्ध में संस्कृत शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ गहन चर्चा की।
बैठक में मंत्री जी द्वारा अवगत कराया गया कि संस्कृत निदेशालय के गठन हेतु नियमावली पर शासन स्तर पर विचार हो रहा है। उन्होंने इस पर शीघ्रता से कार्य करने पर बल दिया गया। क्योंकि नियमावली को स्वीकृति के पश्चात ही अन्य कार्यवाही अमल में लायी जा सकती है। नियमावली के अभाव में निदेशालय से सम्बन्धित कार्य गम्भीर रूप से प्रभावित हो रहे है।
संस्कृत मंत्री ने संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति महावीर अग्रवाल को निर्देशित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के उत्तराखण्ड में संस्कृत शिक्षा को बढावा देने के लिए प्रत्येक माह राज्य के उन स्थानों पर जहाॅं ऋषि मुनियों ने तप किया उनको ज्ञान प्राप्त हुआ उन स्थानों पर सम्मेलनों का आयोजन किया जाय ताकि लोगों को संस्कृत शिक्षा के बारे में जानकारी मिल सके। उत्तराखण्ड के प्रत्येक जनपद में यह इस प्रकार के सम्मेलनों का आयोजन करने के निर्देश कुलपति को दिये।
बैठक में सचिव संस्कृत शिक्षा विनोद रतुड़ी और अपर निदेशक बीना भट्ट मौजूद थे।