देहरादून: शिक्षा एवं पेयजल मंत्री उत्तराखण्ड सरकार मंत्री प्रसाद नैथानी ने विधान सभा स्थित सभागार में प्रदेश में पेयजल के सम्बन्ध में पेयजल विभाग के अधिकारियों के साथ गहन चर्चा की। उन्होंने अवगत कराया कि गत वित्तिय वर्ष में अवमुक्त धन राशि का लगभग 60 प्रतिशत व्यय किया जा चुका है।
शेष धन राशि को माह जून तक व्यय कर जायेगा। बैठक में यह भी अवगत कराया गया की राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित धन राशि काफी कम की गई है। जिससे प्रदेश की पेयजल व्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश की विषम परिस्थितियों के सम्बन्ध में पूर्ण तथ्य भारत सरकार के संज्ञान में लाए जायें तथा प्रयास किया जाय कि धनराशि में वृद्धि हो सके। बैठक में मंत्री जी ने अधिकारियों से कहा कि पर्वतीय जनपदों में पानी की बहुत बड़ी समस्या है। पहाड़ों में प्राकृतिक स्रोतों की कमी नहीं है। इन स्रोतों से पर्वतीय क्षेत्र में पानी की समस्या को कम करने के लिए अधिकारी कार्य करें जिससे प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्राकृतिक स्रोतों के माध्यम से जलापूति की जा सकती है। इस प्रकार से जो भी योजना बनेगी उस योजना का संरक्षण वहाॅ के लोगों द्वारा किया जायेगा। बैठक में अपर सचिव पेयजल अर्जुन सिंह, निदेशक पेयजल निगम भजन सिंह, मुख्य अभियन्ता गढ़वाल आर0सी0जोशी, मुख्य महाप्रबन्धक, निर्माणाधीन जी0सी0 जोशी, सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।