लखनऊ: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज इटावा स्थित लायन सफारी का निरीक्षण किया और विशेषज्ञों के साथ इस क्षेत्र में पर्यटन विकास की सम्भावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन विकास की असीम सम्भावनाएं हैं और राज्य सरकार पर्यटन विकास के लिए गम्भीरता से कार्य कर रही है।
उन्होंने लायन सफारी के साथ-साथ इस क्षेत्र में पर्यटन की अन्य सम्भावनाओं पर चर्चा की। साथ ही, लायन सफारी के ले-आउट प्लान में पर्यटन विकास की नई सम्भावनाओं और रूपरेखा पर भी गहनता से विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री ने लायन सफारी के शेर प्रजनन केन्द्र का निरीक्षण कर उनके रख-रखाव, देख-रेख व प्रबन्धन की जानकारी ली। उन्होंने सन्तोष व्यक्त किया कि यहां पर शेर के तीनों जोडे़ स्वस्थ हंै। उन्होंने लायन सफारी के अन्य कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि कार्यों को अतिशीघ्र पूर्ण करें, ताकि पर्यटकों को सुविधाएं सुलभ हो सकें। उन्होंने पर्यटकों की सुविधा के लिए क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाएं के त्वरित विकास के निर्देश भी दिए।
सिंगापुर के लायन सफारी विशेषज्ञों की टीम के सदस्यों श्री वार्नड हैरिस और सुश्री टीना लिन ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया। लायन सफारी के निदेशक श्री के0के0 सिंह ने प्रस्तुतिकरण दिया। चम्बल सफारी के श्री आर0पी0 सिंह ने पर्यटन सम्भावनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री श्री शम्भू सिंह यादव, प्रमुख वन संरक्षक श्री रूपक डे, मुख्य वन संरक्षक श्री एस0पी0 श्रीवास्तव, मध्य जोन के मुख्य वन संरक्षक श्री आर0के0 यादव, डी0ए0ओ0 श्री अनिल पटेल व श्री कन्हैया पटेल आदि उपस्थित रहे।
निरीक्षण के उपरान्त श्री यादव ने उपस्थित जनसमुदाय की समस्याएं भी सुनीं। किसानों की समस्याओं के सम्बन्ध में उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार उनकी हर सम्भव मदद कर रही है। पिछले माहों में प्रदेश में अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान के आकलन के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि किसानों को राहत देने के उद्देश्य से शासन द्वारा 500 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी गई है तथा जिलाधिकारियों को तत्परता से फसल नुकसान की मुआवजा धनराशि वितरण के निर्देश भी दिए गए हंै।
चकरनगर (इटावा) के किसानों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर फसल नुकसान का पुनः आकलन कराने का अनुरोध किया। जिस पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि पुनः सर्वे कराकर किसानों की हर सम्भव सहायता की जाए। उन्होंने बताया कि किसान की मृत्यु की दशा में आश्रितों को 7 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।