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बेमौसम की बारीश से काश्तकारो को हुए नुकसान व प्रदेश सरकार द्वारा दी गई राहत से उन्हे अवगत कराया साथ ही केंद्र सरकार से मदद देने का भी अनुरोध किया: मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से फोन पर बात कर विगत दिनो बेमौसम की बारीश से काश्तकारो को हुए नुकसान व प्रदेश सरकार द्वारा दी गई राहत से उन्हे अवगत कराया साथ ही मुख्यमंत्री श्री रावत ने केंद्र सरकार से मदद देने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री श्री रावत के अनुरोध पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानो पर राष्ट्रीयकृत वाणिज्यिक बैंकों के बकाया की वसूली एक वर्ष के लिए स्थगित करने पर सहमति जताई, साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि किसानों का एक वर्ष का ब्याज माफ करने का मामला सकारात्मक रूख के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष रखेंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने केन्द्रीय कृषि मंत्री को हाल ही में बेमौसम की बारिश से किसानों व बागवानों को हुए नुकसान को देखते हुए काश्तकारों की सहायता के लिए राज्य स्तर पर जो निर्णय लिए गए हैं उनसे अवगत कराते हुए कहा कि नुकसान का मुआवजा जल्द से जल्द काश्तकारों को मिल जाए, इसके लिए 25 करोड़ रूपए का कोष स्वीकृत किया गया है। इसमें से कृषि व हाॅर्टीकल्चर को एक-दो दिन में 5-5 करोड़ दे दिए जाएंगे। यदि आवश्कता हुई तो राज्य सरकार द्वारा और भी धनराशि की व्यवस्था कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने यह भी बताया कि किसानों को दिए गए सहकारी ऋणों की 6 माह तक वसूली नहीं होगी और इस अवधि के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार 1 अपेै्रल से 30 सितम्बर तक 6 माह के लिए किसानों पर राजस्व बकाया, सिंचाई बकाया को भी माफ किया गया है। इस अवधि का बिजली सरचार्ज भी राज्य सरकार वहन करेगी। प्रभावित किसानों व फसलों का आंकलन अभी मौटे तौर पर किया गया है। सरकार की प्राथमिकता प्रभावित काश्तकारों को तुरंत राहत देना है।
काश्तकारों को हल्दी व अदरक का बीज 75 प्रतिशत केवल इस वर्ष के लिए अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाएगा। सामान्य स्थितियों में इस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। काश्तकारों को मिनी किट भी निशुल्क वितरित किए जाएंगे।
दुसरी ओर मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को किसानों को राज्य स्तर पर हरसंभव राहत पहुंचाने के लिए निर्देश्ति किया है। उन्होने कहा है कि पूर्व में उठाये गए कदमों के अतिरिक्त और किन तरीकों से काश्तकारों को राज्य सरकार द्वारा राहत पहंुचाई जा सकती है इसपे भी विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होने अपर मुख्य सचिव विद्यालयी शिक्षा एस राजू व सचिव उच्च शिक्षा को यह सूचना उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में छात्र-छात्राओं से विद्यालयों में कितनी फीस ली जा रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि समूचित धनराशि की व्यवस्था हो इसके लिए अनावश्यक सरकारी खर्चों में कटोती के प्रयास किए जाए तथा विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित मेलों को दी जाने वाली सरकारी सहायता छः माह के लिए आधी कर दी जाए। मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित किए जाने वाले भोज में राज्य से बाहर के अतिथि न होने पर साधारण भोजन परोसा जाए, जिसमें की केवल दाल, चावल और रोटी हो। सीएम आवास पर भी चाय पानी आदि के व्यय में कमी की जाएगी । मुख्यमंत्री ने कहा की मुख्यमंत्री राहत कोष में भी यशासम्भव बचत कर के पांच करोड रूपए अतिरिक्त राशि की व्यवस्था किसानों को राहत पहुचनाने के लिए की जाएगी।

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