हैनोवर: जर्मनी और पूरी दुनिया के निवेशकों को लुभाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में ‘पूर्व अनुमान लगाने योग्य, स्थिर और प्रतिस्पर्धी’ कर व्यवस्था का वादा किया। भारतीय पीएम ने कहा कि ‘शेष अनिश्चितताओं’ का निराकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में व्यवस्था का कायापलट करने का काम बड़ा है और इसे रातों-रात पूरा नहीं किया जा सकता। मोदी ने जोर दिया कि सरकार उस दिशा में दृढ़ता से बढ़ रही है और इसे किया जाएगा।
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के साथ हैनोवर व्यापार मेले का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार अनावश्यक कानूनों को हटा रही है और प्रक्रियाओं को सरल बना रही है ताकि देश में व्यापार करना आसान हो सके और विदेशी कंपनियां ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में भागीदारी करने में सक्षम हो सकें। उन्होंने जर्मनी और दुनिया के अन्य हिस्सों के शीर्ष बिजनस लीडर्स को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज, मैं भारत की आर्थिक संभावनाओं को खोलने के मिशन के लिए जर्मनी की भागीदारी मांगने आया हूं। दुनिया के उद्योग जगत से जो लोग आज यहां जुटे हैं, उनसे मैं कहता हूं कि आज हमारे मेजबान के लिए हमारे मन में कोई विशेष पूर्वाग्रह नहीं है। भारत दुनिया को गले लगाने को तैयार है।’
दुनिया के विभिन्न देशों की अपनी यात्रा का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, ‘यह अवसर और प्रगति के लिए हमारे अपने लोगों और उद्योग में बढ़ी हुई उम्मीद का आईना है, हमारे 80 करोड़ युवाओं में उम्मीद की नई लहर है। अगर हम हमारे युवाओं के सपनों को पूरा करना चाहते हैं तो हमें अपने उद्योग को दुनिया के लिए मैन्युफैक्चरिंग केंद्र और स्वदेश में रोजगार के इंजन के रुप में बदलना होगा। हमें अपने युवाओं को जरूरी स्किल से लैस करना होगा ताकि अपने देश की आवश्यकताओं और ग्लोबल वर्ल्ड की मांगों को पूरा कर सकें।”
निवेश और प्रौद्योगिकी के लिए न्योता देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”हम अनेक मंजूरियों और लंबी वेटिंग को दूर करने के लिए डिजिटल टेक्नॉलोजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम आपका मार्गदर्शन करेंगे और आपकी परियोजनाओं में आपके साथ चलेंगे। हमने इसमें ”इन्वेस्ट इंडिया” और कंटरी डेस्क स्थापित किया है जिसे राज्यों के साथ जोड़ा जाएगा। हम इनोवेशन का विकास करेंगे और आपकी बौद्धिक संपदा की रक्षा करेंगे।’ मोदी ने कहा, ”भारत में ऐसी संस्थाएं थीं जो जांच से परे लगती थीं। अब ऐसा नहीं हैं। हम संस्थाओं में इस तरह से सुधार कर रहे हैं, जो दशकों से नहीं हुआ है। हम ऐसी कर व्यवस्था तैयार कर रहे हैं जो पूर्व अनुमान लगाने योग्य, स्थिर और प्रतिस्पर्धी हो। हम अब शेष अनिश्चितताओं का निराकरण करेंगे। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक ऐसी क्रांति है जिसकी लंबे समय से आवश्यकता है, जो अब हकीकत बन रही है।’
मोदी ने कहा, ‘मेरा आपको (विदेशी निवेशकों को) यह संदेश है, आप ऐसा माहौल पाएंगे जो न सिर्फ खुला बल्कि स्वागत करने वाला भी होगा। हम भारत में व्यापार करने को आसान बनाएंगे और हम आपकी प्रतिक्रिया सुनने को हमेशा उत्सुक रहेंगे।’ अपने देश को आर्थिक मंदी से निकालने वाली एंजेला मर्केल ने जवाब में कहा कि वह चाहती हैं कि न सिर्फ जर्मन कंपनियां ‘मेक इन इंडिया’ में हिस्सा लें बल्कि ‘मेक इन जर्मनी’ में भारतीय कंपनियां भी हिस्सा ले सकें। भारत में व्यापार की स्थिति में सुधार के बारे में मोदी के दावे के संबंध में उन्होंने कहा कि दोनों देश इस साल के आखिर में अंतर सरकारी स्तर की वार्ता करेंगे। उस वक्त इस बात की समीक्षा की जा सकती है कि क्या ‘समस्याओं’ का निराकरण किया गया है।
एंजेला मर्केल ने कहा, ‘भारत और जर्मनी को व्यापार करने के तरीके को बदलने की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा कि 16 अरब यूरो के आकार वाला व्यापार शुरुआत के लिए अच्छा है। मर्केल ने कहा कि फ्रांस भी भारत के साथ व्यापार करने को उत्सुक हैं। उन्होंने जर्मन व्यापारिक नेताओं से कहा, ‘मैं जानती हूं कि इसमें प्रतिस्पर्धा है लेकिन अधिक प्रतिस्पर्धा से आप बेहतर हासिल करते हैं।’ गौरतलब है कि मोदी फ्रांस की यात्रा समाप्त करने के बाद ही जर्मनी की यात्रा पर आए हैं।
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