नई दिल्ली: रूसी संघ की नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल व्लादिमीर कोरोलेव 15 से 18 मार्च, 2017 तक भारत की यात्रा कर रहे है। एडमिरल कोरोलेव की यात्रा का उद्देश्य भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय नौसेना संबंधों को मजबूत बनाना और सहयोग के नये क्षेत्रों का पता लगाना है।
अपनी यात्रा के दौरान रूसी नौसेना के कमांडर इन चीफ ने नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा और भारतीय नौसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से द्विपक्षीय वार्ता की। नई दिल्ली में अपने सरकारी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में एडमिरल, माननीय रक्षा मंत्री, वायुसेना प्रमुख, थल सेना प्रमुख और रक्षा सचिव से मुलाकात करेंगे।
भारत रूस से सबसे अधिक रक्षा उपकरण आयात करता है और भारतीय सेना में भारी संख्या में सोवियत/रूस में बने हथियार है। भारतीय नौसेना रूस की नौसेना के साथ विभिन्न प्रकार के सहयोग करती है। इसमें संचालन संबंधी पारस्परिक सहयोग, प्रशिक्षण, जल माप चित्रण संबंधी सहयोग, सूचना प्रौद्योगिकी और नौसेना स्तर पर बातचीत के जरिये विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों का आदान-प्रदान शामिल हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय नौसेना और रूसी संघ की नौसेना 2003 से ‘इन्द्र नेवी’ नामक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास कर रही है। अब तक आठ बार समुद्री अभ्यास किये गये हैं। पिछला अभ्यास दिसम्बर, 2016 में विशाखापत्तनम में हुआ था।
एडमिरल कोरोलेव नई दिल्ली के अतिरिक्त मुम्बई जाएंगे। एडमिरल मुम्बई में पश्चिमी नौसेना कमान के कमांडर इन चीफ से विचार-विमर्श करेंगे और देश में निर्मित आईएनएस मैसूर, नौसेना डॉकयार्ड और मेसर्स मजगांव डॉक एंड शिपबिल्डर्स लिमिटेड देखने जाएंगे।