श्रीनगर (गढ़वाल): सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों से सुसज्जित डाक्युमेन्ट्री फिल्म ‘‘नन्दा ध्याणै बिदै’’ का विमोचन आज मंगलवार 14 अप्रैल को गढ़वाल श्रीनगर में एक समारोह में किया गया। डाक्यूमेंन्टी का विमोचन सुप्रसिद्व रंगकर्मी विमल बहुगुणा ने किया।
‘नन्दा ध्याणै बिदै’ हिमालयन फिल्मस की एक नयी प्रस्तुति है। इस डाक्युमेन्ट्री फिल्म में नरेन्द्र सिंह नेगी ने नन्दा राजजात पर सात नये जागर गीत गाये हैं। प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी डाॅ. नन्दकिशोर हटवाल के संकलन से लिये गये ये गीत मां नन्दा के मायके से ससुराल तक की यात्रा का मार्मिक विवरण प्रस्तुत करते हैं। युवा फिल्मकार गोविन्द नेगी, चन्द्रशेखर चैहान व हरीश भट्ट ने नन्दा देवी राजजात 2014 का नौटी से होमकुण्ड तक की सम्पूर्ण यात्रा का फिल्मांकन किया है।
‘नन्दा ध्याणै बिदै’ का आॅडियो पिछले वर्ष नवम्बर को बाजार में आया और संस्कृतिप्रेमियों और संगीत प्रेमियों ने इसे खूब सराहा। विमोचन समारोह में रंगकर्मी विमल बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड की सामाजिक-सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए ऐसे प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि पारंपरिक संचार माध्यमों के साथ ही आज इंटरनेट के जरिये सोशल मीडिया माध्यमों से भी इस तरह के प्रयासों को आम लोगों तक पहुंचाने के प्रयास होने चाहिए।
नन्दा राजजात उत्तराखण्ड की एक अनोखी सांस्कृतिक एवं सामाजिक यात्रा है। नन्दा देवी की वार्षिक यात्रायें भी होती हैं। आज के समय में इन यात्राओं को पर्यटन से भी जोडे़ जाने की आवश्यकता है।
लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि हमारा प्रयास मां नन्दा के समस्त जागर गीतों का डिजिटल डाक्युमेन्टेशन करने का है। इस डाक्युमेन्ट्री फिल्म में नन्दा के विदाई गीत हैं। डाॅ. नन्दकिशोर हटवाल जी के संकलन से हम विषय वार नन्दा के जागर गीत को संस्कृतिप्रेमियों के बीच में लाएंगे।
वर्ष 2000 में नरेन्द्र सिंह नेगी का राजजात के दो आॅडियो कैसेट्स बाजार में आये। ‘नन्दा ध्याणै बिदै’ नेगी द्वारा नन्दा देवी के जागर गीतों पर दूसरी प्रस्तुति है। लगभग 15 वर्ष पूर्व आये आॅडियो कैसेट्स को संगीत प्रेमियों ने सराहा और अपने चाहने वालों के लगातार आग्रह पर लोकगायक नेगी ने इस डाक्युमेन्ट्री फिल्म में नये नन्दा जागर गीत गाये हैं।
सुप्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी डाॅ. नन्दकिशोर हटवाल ने इस अवसर पर कहा कि नन्दा देवी पर आधारित इस फिल्म में यात्रा के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित किया गया है। तथा उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थानों से आने वाली उप यात्राएं, जो कि मुख्य यात्रा में शामिल होते हुए आगे बढ़तीं हैं, का भी समावेश किया गया है।
हिमालयन फिल्मस के मोहन लखेड़ा ने इस अवसर पर कहा कि नन्दा राजजात के गीतों का डिजिटल डाक्युमेन्टेशन कम्पनी की एक प्रमुखता में है। इसी कड़ी में हम नन्दा देवी राजजात पर बनी पुरानी फिल्मों/फोटो का भी संग्रह कर रहे हैं। हमें आशा है कि यह डाक्युमेन्ट्री फिल्म के द्वारा हमारी युवा पीढ़ी इस एतिहासिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व साहसिक यात्रा को समझने का जरिया बनेगी।
हिमालयन फिल्मस उत्तराखण्ड के लोकसंस्कृति, कला एवं भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए वर्ष 2008 से लगातार प्रयासरत है। विगत 7 वर्षों में कम्पनी ने क्षेत्रीय भाषा में 19 वीडियो एलबम, 8 फिल्में, 15 आॅडियो सी.डी. एवं 10 धार्मिक डाक्युमेन्ट्री फिल्म बनाकर बाजार में अपनी शाख बनाई है।
गणेश कुखशाल ‘गणी’ ने समारोह का संचालन किया। इस मौके पर हरीश भट्ट, चन्द्रशेखर चैहान, गोविन्द नेगी, पवन ममगई आदि मौजूद रहे।
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