लखनऊ : पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 श्री जावीद अहमद द्वारा समस्त विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिये गये हैं कि सोशल मीडिया के संबंध में पालिसी तैयार की गयी है, जिसके अनुरूप समस्त पुलिस अधिकारी/कर्मचारीगण द्वारा कार्यवाही की जाये ।
सोशल मीडिया क्या हैः-
सोशल मीडिया से तात्पर्य वेब पर आधारित ऐसे एप्लीकेशन के समूह से है जिसके माध्यम से व्यक्तियों, समुदायों एवं संस्थाओं के बीच परस्पर संवाद स्थापित होता है एवं उपयोगकर्ताओं द्वारा निर्मित सामग्री को परस्पर साझा किया जाता है ।
स्वरूपः-
सामाजिक मीडिया के कई रूप हैं, जिनमें इन्टरनेट फोरम, माइक्रोब्लागिंग, वेबलाग, सामाजिक ब्लाग, विकीज, सोशल नेटवर्क, पाडकास्ट, फोटोग्राफ, चित्र, चलचित्र आदि सभी आते हैं। अपनी सेवाओं के अनुसार सोशल मीडिया के लिये कई संचार प्रौद्योगिकी उपलब्ध है। उदाहरणार्थ:-
- सहयोगी परियोजना (विकीपीडिया)
- सामाजिक नेटवर्किंग साईट (फेसबुक, लिंकडिन, माईस्पेस)
- माइक्रोब्लाग(ट्विटर इत्यादि)
- मैसेन्जर सर्विस (वाट्स एप, टेलीग्राम, हाईक)
- ब्लाग्स(वर्डप्रेस)
- वीडियो शेयरिंग (यू-ट्यूब इत्यादि)
- आडियो शेयरिंग (पाडकास्ट)
- फोटो शेयरिंग (क्लिकर, फोटो बकेट, इंस्टाग्राम)
व्यक्तिगत प्रयोगार्थः-
उ0प्र0 पुलिस का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी चाहे, वह ड्यिूटी पर है अथवा नहीं, परन्तु वह उ0प्र0 पुलिस का प्रतिनिधि होता है। व्यक्तिगत जीवन में अथवा सोशल मीडिया पर उसकी व्यक्तिगत गतिविधियाॅ, विभाग की प्रतिष्ठा से सीधे तौर पर जुड़ी होती है।
चूंकि सोशल मीडिया पर डाली गयी हर सामग्री पब्लिक प्लेटफार्म पर सबके लिये सुलभता से उपलब्ध है, इसलिये विभागीय गरिमा के दृष्टिकोण से पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों के द्वारा व्यक्तिगत रूप से किये जा रहे सोशल मीडिया के प्रयोग के निर्देशनार्थ एक सोशल मीडिया पालिसी का होना नितान्त आवश्यक है।
उपरोक्त पालिसी के मुख्य तत्व निम्नलिखित हैं:-
- उ0प्र0 पुलिस का हर अधिकारी/कर्मचारी एक सामान्य नागरिक के रूप में सोशल मीडिया के प्रयोग एवं उस पर अभिव्यक्ति हेतु उस हद तक स्वतंत्र है, जहाॅ तक उसके द्वारा उ0प्र0 सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956(यथा संशोधित) का किसी भी प्रकार से उल्लंघन न किया जाये।
- एक सामान्य नागरिक के रूप में सोशल मीडिया पर उनके द्वारा की गयी अभिव्यक्ति में उनके द्वारा यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि उक्त विचार उनके निजी विचार हैं एवं इससे विभाग का कोई सरोकार नहीं है।
- सोशल मीडिया पर पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जायेगी, जो उन्हें अपनी विभागीय नियुक्ति के कारण प्राप्त हो, जब तक उनके पास इस हेतु सक्षम अधिकारी से अनुमति न प्राप्त हो।
- सोशल मीडिया पर किसी भी राजनैतिक दल, राजनैतिक व्यक्ति या राजनैतिक विचारधारा के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी।
- निजता एवं सुरक्षा के कारणों से पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को यह सचेत किया जाता है कि वह सोशल मीडिया पर अपनी अथवा किसी अन्य पुलिस अधिकारी की नियुक्ति का उल्लेख न करें। अभिसूचना संकलन या किसी गुप्त आपरेशन (न्दकमत बवअमत वचमतंजपवद) में संलग्न पुलिस कर्मियों को इस प्रावधान का सख्ती से अनुपालन करना अपेक्षित है।
- पुलिस कर्मी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस विभाग के लोगो, वर्दी, उससे जुड़ी हुई अन्य वस्तु, हथियार या हथियार प्रदर्शित करती हुई तस्वीर पोस्ट नहीं करेंगे। यदि अपनी फोटोग्राफ यूनिफार्म में डाल रहे हैं, तो यह ध्यान रखें कि वर्दी समुचित एवं पूरी हो ।
पुलिस कर्मी सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा का प्रयोग या अश्लील तस्वीर पोस्ट नहीं करंेगे। - अपराध के अन्वेषण, विवेचनाधीन या न्यायालय में लम्बित प्रकरणों से सम्बन्धित कोई गोपनीय जानकारी सोशल मीडिया पर साझा नहीं की जायेगी एवं न ही उनपर कोई टिप्पणी की जायेगी। उपरोक्त विषय वस्तु पर सक्षम अधिकारी द्वारा अधिकृत या सक्षम अधिकारी द्वारा ही आवश्यक जानकारी सार्वजनिक प्रेस नोट द्वारा साझा की जायेगी।
- सोशल मीडिया पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, सम्प्रदाय, व्यवसाय, लिंग, क्षेत्र, राज्य के संबंध में पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी।
- किसी बलात्कार पीड़िता या किशोर की पहचान अथवा नाम सोशल मीडिया पर उजागर नहीं किया जायेगा।
- जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड शेष हो, उनका चेहरा सोशल मीडिया पर सार्वजनिक नहीं किया जायेगा ।
- सोशल मीडिया पर पुलिस कर्मी, पुलिस विभाग, किसी वरिष्ठ अधिकारी या अपने सहकर्मी के विरूद्ध कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करेंगे, जिससे पुलिस विभाग को शर्मसार होना पड़े।
- सोशल मीडिया पर पुलिस कर्मी सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों या किसी राजनेता के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
- पुलिस के फील्डक्राफ्ट, विवेचना या अपराध के अन्वेषण में प्रयुक्त होने वाली गोपनीय तकनीक की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा नहीं की जायेगी।
- राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण प्रकरणों में सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी।
- सोशल मीडिया पर माननीय न्यायालय के किसी दिशा निर्देश का उल्लंघन नहीं किया जायेगा और नहीं किसी प्रकार से माननीय न्यायालय की अवमानना की जायेगी।