नई दिल्ली: भारत बढ़ते साइबर अपराध और साइबर आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए साइबर सुरक्षा में बेहतर अंतरराष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करता है। यह बात डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जी-20 के डिजिटल मंत्रियों की जर्मनी में हुई द्वीपक्षीय बैठक में केन्द्रीय इलेक्ट्रोनिक्स और प्रौद्योगिकी तथा विधि और न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कही।
श्री प्रसाद ने दूसरी डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं के साथ डिजिटल इंडिया प्रयासों को साझा करने की भारत की ओर से पेशकश की। श्री प्रसाद ने कहा कि भारत का यह भी मानना है कि डिजिटीकरण के प्रसार के लिए बहुहितधारकों वाला मॉडल श्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि पेशेवर लोगों तथा सूचना सक्रियता के मार्ग में सीमा बाधा नहीं होनी चाहिए। रूसी संघ, इंडोनेशिया, जर्मीनी, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, सिंगापुर, चीन, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और अंतरराष्ट्रीय दूसर संचार यूनियन (आईटीयू) के साथ द्वीपक्षीय वार्ता हुई।
जी-20 डिजिटल मंत्री स्तरीय बैठक जर्मनी के डसेलडॉर्फ में हुई। 2016 में चीन के राष्ट्रपति की अध्यक्षता में हांगझोउ सम्मेलन में डिजिटल अर्थव्यवस्था सहयोग स्वीकार करने के बाद डिजिटल अर्थव्यव्था पर जी-20 सहयोग विशेष प्राथमिकता का क्षेत्र हो गया है। जर्मनी के राष्ट्रपति ने इसे आगे बढ़ाया है। जर्मनी ने डिजिटल प्रौद्योगिकी की क्षमता और समग्र अर्थव्यवस्था पर इसके व्यापक प्रभाव को महसूस करते हुए डिजिटल अर्थव्यव्था कार्यबल को मंत्रिस्तरीय दर्जा दिया है।
जी-20 डिजिटल इंडिया कार्यक्रम लागू करने केलिए जी-20 के मंत्रियों ने सराहना की। मंत्रियों ने कहा कि डिजिटल इंडिया सस्ते रूप में सुरक्षित तरीके से निजता के साथ 1.1 बिलियन नागरिकोंको आधार के मार्फत अनूठी डिजिटल पहचान प्रदान करता है। जी-20 के मंत्रियों ने यूपीआईडीबीटी भीम तथा आधार सक्षम भुगतान प्रणालियों जैसे सोल्यूशन प्रदान करने के लिए भारत की सराहना की। जी-20 के मंत्रियों ने विशेष रूप से यह बताया कि कैसे डिजिटल इंडिया का डिजिटल साक्षरता मिशन 60 मिलियन घरों के लिए डिजिटल पहुंच बनाने का काम कर रहा है।
श्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कैसे भारत डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग समावेश और विकास व्यवस्था के लिए कर रहा है। उन्होंने बताया कि किस तरह डिजिटल इंडिया विभिन्न योजनाओं के जरिये परिवर्तन ला रहा है, किस तरह युवा भारत की जनसंख्या की क्षमता को बढ़ा रहा है और सफल डिजिटल अर्थव्यवस्था का संचालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी और इंटरनेट मानव मष्तिक के सृजन के बेहतरीन उदाहरण हैं और अब यह वैश्विक हो गया है। इसका उपयोग हम डिजिटल खाई को पाटने और अपने नागरिकों को अधिकार संपन्न बनाने और उनका जीवन स्तर सुधारने के काम में कर रहे हैं।
श्रीरविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन पेश किया कि साइबर हमले रक्तहीन युद्ध हैं। श्री प्रसाद ने जी-20 के देशों से साइबर अपराधों और साइबर आतंकवाद से लड़ने में सक्रिय सहयोग का आह्वान किया।
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