देहरादून: प्रदेश के आवास एवं शहरी विकास, राजीव गांधी शहरी आवास योजना, पशुपालन, मत्स्य पालन, चारा एवं चारागाह विकास, नागरिक सुरक्षा, होमगार्ड एवं कारागार मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रीतम सिंह पंवार ने आज विधानसभा स्थित अपने कक्ष में ए.डी.बी., जे.एन.यू.आर.एम., आई.एच.एस.डी.पी(इन्टरीगेटेड हाऊसिंग एण्ड सल्म डवलपमेन्ट प्रोग्राम) की शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक ली।
बैठक में उन्होंने शासन एवं निकायों के अधिकारियों से कहा कि उत्तराखण्ड में शहरी क्षेत्र के विकास निवेश कार्यक्रम जो चलाये जा रहे हैं। उनका उद्देश्य उत्तराखण्ड राज्य के शहरों का चहॅुमुखी एवं निरन्तर विकास किया जाये। इसके साथ ही शहरों का ढाॅचागत एवं संस्थागत विकास तथा नागरिको को सामान्य सुविधाओं की उपलब्धता करवाने के साथ-साथ स्थानीय नगरीय निकायों के आयवृद्धि के स्रोतों में बढ़ोतरी कर स्वायत्त एवं सशक्त बनाना तथा नगरीय स्वशासन का शस्कतीकरण किया जाना है। जिसमें उत्तराखण्ड के 31 नगरों को सम्मिलित किया जाना है। जिनमें गढ़वाल क्षेत्र के 18 एवं कुमायूॅ क्षेत्र के 13 नगर हैं।
बैठक में निदेशक शहरी विकास ने अवगत कराया कि मार्च 2015 तक उपयोग की गयी धनराशि रू0 349.82 करोड़ है। जिनमें पेयजल आपूर्ति, दूषित जल प्रबन्धन एवं स्वच्छता ठोस अपशिष्ठ प्रबन्धन तथा मलिन बस्ती सुधार एवं सड़क एवं यातायात प्रबन्धन के साथ-साथ नगरीय स्वशासन में क्षमतावर्धन एवं संस्थागत वित्तिय सुधार सम्मलित है बैठक में ट्राॅंच-1 एवं ट्रांच-2 में हुए क्रियान्वित कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गयी। जिसमें नैनीताल की ट्राॅचं-1 के क्रियान्वित कार्य में आलसेन्ट जोन में राईजिंग मेन की आपूर्ति व बिछाना जलापूर्ति हेतु जलाशयों का निर्माण, नैनीताल में पुराने पम्पिंग लाईनों का बदलाव तथा पुराने स्टील टैंकों का बदलाव तथा सम्बन्धित राईजिंग मेन के कार्य क्रियान्वित किये गये जिसमें भौतिक प्रगति 75 प्रतिशत से अधिक हो गयी है।
बैठक में ट्राॅचं-1 में देहरादून हेतु क्रियान्वित कार्यों पर भी विस्तार से समीक्षा की गयी समीक्षा के दौरान मंत्री जी ने निर्देश दिये कि पौंधा नदी से पाईप लाईन जो बिछाई गयी है जिसमें 90 लाख रू0 व्यय किया जाना है। उसका हैंड क्षतिग्रस्त हो रहा है, उसे भी पूर्ण करने के निर्देश मंत्री जी द्वारा पेयजल निगम के अधिकारियों को दिये। बैठक में बताया गया कि पम्पिंग प्लान्ट की 8 पम्पों की आपूर्ति की जा चुकी है तथा, 15 डीजल जनरेटर दिये जा चुके हैं। देहरादून कोर क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था के विषय में भी चर्चा की गयी जिसमें 147 किमी0 पाईप लाईन डालनी थी जिसमें अभी 87 किमी0 पर कार्य पूर्ण किया गया है। कार्य की समय सीमा पूर्ण हो चुकी है। इसके लिए दुबारा टेन्डर प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिये हैं। मंत्री जी ने डालनवाला एवं खुड़बुड़ा पेयजल योजना के कार्य पूर्ण करवाने के निर्देश पेयजल विभाग को दिये।
बैठक में देहरादून कारगी क्षेत्र में नयी सीवर लाईन बिछाने का मुख्य कार्य 46.27 किमी0 सीवर लाईन बिछाना था जिसकी अनुबन्धित लागत 57.83 करोड़ रू0 थी। जिसमें से अभी 20 किमी0 सीवर लाईन बिछाने की अद्यतन प्रगति हुई है। इसमें मंत्री जी द्वारा प्रगति करने के निर्देश भी दिये। बैठक में मंत्री जी द्वारा शहरी क्षेत्र विकास की जितनी भी योजनाएॅं पूर्ण हो चुकी हैं। उनके लोकार्पण हेतु सूची उपलब्ध कराने के निर्देश शहरी विकास निदेशालय को दिये।
बैठक में हरिद्वार में पम्पिंग प्लान्ट की आपूर्ति व सम्बन्धित कार्य 3.79 करोड़ रू0 के थे जिसमें 33 पम्प लगने थे। उसका कार्य पूर्ण हो चुका है। उसे हैण्ड ओवर करने के निर्देश विभाग को दिये।
बैठक में ट्रांच-2 में नैनीताल, रामनगर, हल्द्वानी, रूड़की और देहरादून के कार्यों पर भी समय से पूर्ण करने के निर्देश पेयजल निगम को दिये। बैठक में लम्बित प्रकरणों पर भी चर्चा की गई
देहरादून, रूड़की एवं नैनीताल में वाटर मीटर हेतु निविदाएॅं आमंत्रित की जानी है जो अभी लम्बित है। तथा रूड़की नगर में राष्ट्रीय राजमार्ग से सड़क काटने की अनुमति लम्बित है।
बैठक में जे.एन.एन.यू.आर.एम. द्वारा चयनित तीन मिशन शहरों देहरादून, हरिद्वार एवं नैनीताल के लिये कुल 205.34 करोड़ की धनराशि केन्द्रांश के रूप में प्राविधानित की गयी थी उपरोक्त प्राविधानिक धनराशि का 10 प्रतिशत अर्थात 20.5 करोड़ क्षमता विकास एवं ओक्यूएम हेतु आरक्षित कर ली गयी है। तथा यह धनराशि केन्द्र सरकार के स्तर से व्यय की जायेगी उक्त आबंटन के सापेक्ष भारत सरकार से कुल लागत रू0 252.45 करोड़ की 8 परियोजनाएॅं स्वीकृत की जा चुकी है। जिनमें केन्द्रांश 183.36 करोड़ सम्मलित है। इस प्रकार केन्द्र द्वारा राज्य के लिये प्राविधानित राशि का लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है।
बैठक में मंत्री जी द्वारा यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी.(अरबन इन्फ्रस्टकचर स्कीम फार स्माल एण्ड मीडियम टाऊन) पर भी चर्चा की गयी जिसमें उन्हें अवगत कराया कि भारत सरकार से कुल लागत रू0 192.26 करोड़ की 14 परियोजना स्वीकृत करायी जा चुकी है। जिनमें केन्द्रांश रू0 153.94 करोड़ रू0 सम्मलित है। जिसमें सीवरेज सिस्टम मसूरी, ठोस अपशिष्ठ प्रबन्धन हल्द्वानी, मंगलौर वाटर सप्लाई, नन्द प्रयाग, मुनिकी रेती, नरेन्द्रनगर, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, उत्तरकाशी, बड़कोट, पुरोला, रूद्रप्रयाग, गोपेश्वर में सड़क व नालों का निर्माण किया जाना है। जिसमें कुल परियोजना लागत 112.88 करोड़ होगी। जिसमें अभी तक 36.94 करोड़ रू0 की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। उक्त परियोजना दिसम्बर 2016 तक पूर्ण करने के निर्देश मंत्री जी द्वारा दिये गये।
बैठक में आई.एच.एस.डी.पी.(इन्ट्रीगेटेड हाऊसिंग एण्ड सल्म ड्वलबमेन्ट प्रोग्राम) के विषय पर चर्चा एवं समीक्षा की गयी। बैठक में बताया गया कि यह योजना चयनित तीन मिशन शहरों देहरादून, हरिद्वार एवं नैनीताल को छोड़कर राज्य के अन्य शहरों के लिए प्रभावी है। बैठक में बताया गया कि योजना के अन्तर्गत मलिन बस्तियों में निवासरत्त लोगों को आवास एवं आधार भूत सुविधाये देना है। परियोजना अन्तर्गत 18 निकायों के लिये 21 परियोजना स्वीकृत हैं। जिसमें 4288 मकान का निर्माण किया जाना है। जिनकी कुल लागत 177.54 करोड़ रू0 है। बैठक में बताया गया कि निर्मित होने वाले भवनों की संख्या 3667 है। जिसमें अवमुक्त की गयी धनराशि 95.26 करोड़ के सापेक्ष 67.46 करोड़ की धनराशि व्यय हो चुकी है। इस पर मंत्री जी ने अवशेष बचे भवनों का निर्माण शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। तथा लाभार्थियों को भवन अबंटन की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिये भी कहा बैठक में मंत्री जी द्वारा मुख्य नगर अधिकारी हरिद्वार के सालिड वेस्ट मनेजमेन्ट के लिये हरिद्वार में कम्पोसिटिंग प्लान्ट लगवाने हेतु साइड विजिट के निर्देश दिये तथा पाण्डेवाला हरिद्वार में 96 मकान निर्मित हैं जिन्हें लाभार्थियों को आबंटित किया जाना है। शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक से से स्थल निरिक्षण एवं सत्यापन कर सचिव शहरी विकास को रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिये। जिससे पात्र लाभार्थियों को आबंटन शीघ्र किया जा सके।
बैठक में सचिव शहरी विकास डी.एस.गब्र्याल, निदेशक शहरी विकास डाॅ0वी0षणमुगम, अपर निदेशक शहरी विकास नवनीत पाण्डे, उप सचिव शहरी विकास ओमकार सिंह, उप निदेशक शहरी विकास सुभाष गुप्ता, वरिष्ठ परियोजना प्रबन्धक ए.डी.बी मुकेश मोहन, मुख्य नगर अधिकारी हरिद्वार एवं स्थानीय निकायों के अधिकारी मौजूद थे।