नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने पटना में महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी के अवसर पर आयोजित एक समारोह में भाग लिया जहां उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हम आज चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरा होने के अवसर पर कार्यक्रम कर रहे हैं। बिहार में चंपारण ने सत्याग्रह और राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन की प्रयोगशाला के रूप में अपनी सेवा प्रदान की। उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह का प्रतीकात्मक महत्व चंपारण के असल सत्याग्रह के साथ 1917-1918 के खेड़ा सत्याग्रह से कहीं अधिक था। चंपारण सत्याग्रह एक आंदोलन था जिसने गांधी को भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के अगुवा के रूप में आगे किया था और यह सत्याग्रह नागरिक प्रतिरोध का एक शक्तिशाली माध्यम बना था।
राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार सरकार ने चंपारण आंदोलन का शताब्दी वर्ष मनाने और भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने वाला यह आयोजन प्रशंसा के योग्य है। यह आयोजन स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने गांधीजी के सक्षम और प्रेरक नेतृत्व के तहत भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की नींव रखी थी, उनके लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है। यह आयोजन न केवल हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए है बल्कि इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि हम अपने इतिहास को जानें और अपनी जड़ों से परिचित हों। उन्होंने कहा कि हमें अपनी विविधता का जश्न मनाना चाहिए।