लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट एवं प्रभावी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यह सेवाएं गांव, गरीब और समाज के अन्तिम व्यक्ति तक हर हाल में पहुंचें, इसे सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला अस्पतालों सहित प्रदेश की सम्पूर्ण चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां शास्त्री भवन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि समय रहते वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण एवं बचाव हेतु युद्धस्तर पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने डेंगू, जापानी तथा एक्यूट इंसेफलाइटिस, चिकनगुनिया प्रभावित रोगियों की समय से जांच और उपचार करने तथा इस रोग से बचाव के प्रति आम जनता में जागरूकता लाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कर इन रोगों से बचा जा सकता है। इस सन्दर्भ में उन्होंने इन रोगों से प्रभावित जनपदों में साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी और दवाइयों व चिकित्सकों की उपलब्धता के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जवाबदेह बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंचायती राज, ग्राम्य विकास और स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग समन्वय बनाकर इन रोगों से निजात पाने के लिए कार्य करें। जन जागरूकता के कार्यक्रमों में विद्यालयों और स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जाए।
श्री योगी ने कहा कि प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयों में चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित हो। अनुश्रवण के लिए अधिकारियों का जनपदीय भ्रमण हो और भविष्य के लिए चिकित्सीय मानव संसाधन का आकलन करते हुए आवश्यकतानुसार उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
श्री योगी ने कहा कि स्वास्थ्य कैम्पों के माध्यम से रोगियों का चिन्हीकरण तथा उनका प्रभावी उपचार किये जाने की कार्य योजना को मूर्त रूप दिया जाए। आम जनता को सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केन्द्रों का संचालन हो। लोगों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सम्बन्धित सुविधाओं की सूचना हेल्थ एप के माध्यम से उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि ओ0पी0डी0 एवं आपातकालीन सेवाओं का सुदृढ़ीकरण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चिकित्सालयों में साफ-सफाई में कमी, चिकित्सीय और विशेषज्ञ सेवा के अभाव, रोगियों को अधिकारों की जानकारी का अभाव, सुदूर क्षेत्रों में चिकित्सीय सेवाओं की अनुपलब्धता, ओ0पी0डी0 एवं इमरजेन्सी सेवाओं में अव्यवस्था की बात कही। उन्होंने चिकित्सकों की कमी के सवाल पर नियुक्ति के उपाय तलाशे जाने, संविदा पर भर्ती, सेवानिवृत्त चिकित्सकों के पुनर्योजन, सायं कालीन ओ0पी0डी0 के संचालन एवं इसके लिए चिकित्सकों को प्रोत्साहन राशि दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्राईवेट चिकित्सकों से भी विचार-विमर्श और समन्वय कर ओ0पी0डी0 का संचालन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर चिकित्सीय इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है, वहां पर टेलीमेडिसिन, मोबाइल यूनिट के माध्यम से चिकित्सा व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि औषधियों एवं उपकरणों के क्रय में पारदर्शिता, समयबद्धता एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए ई-टेण्डरिंग प्रक्रिया अपनायी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों व विशेषज्ञों को दो-तीन चिकित्सालयों व केन्द्रों पर सेवा प्रदान करने हेतु रोस्टर व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू हो। उन्होंने सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों के विवरण प्रदर्शित करने के निर्देश दिये। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना तथा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इन योजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती हैं। इसके लिए पारदर्शितापूर्ण ढंग से लाभार्थियों का चयन करते हुए उन्हें सुविधाएं प्रदान की जाएं।
श्री योगी ने कहा कि एम्बुलेंस सेवाओं का लाभ सुदूर क्षेत्र के निवासियों और गरीबों को बड़े पैमाने और बेहतर ढंग से मिलना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में पैथोलाॅजी सहित अन्य जांचों के सभी प्रकार के उपकरण हमेशा क्रियाशील रहें, जिससे किसी भी रोगी को जांच के लिए असुविधा का सामना न करना पड़े। ट्राॅमा सेण्टर में भी सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध हों, जिससे दुर्घटना समेत सभी प्रकार की आकस्मिकता में मरीजों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने निर्माणाधीन भवनों को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य, मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव नियोजन एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।