नई दिल्ली: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के लिए सांसदों की सलाहकार समिति ने श्रीनगर में एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, श्री चंद्रकांत भौराओ खैरे, श्री हरिंदर सिंह खालसा, श्री जनक राम, श्री मुरली मोहन मगन्ती, श्री नरसिम्हन थोटा, श्री निनोंग अरिंग, श्री सत्य पाल सिंह, श्री रामदास चंद्रभानजी टाडस, डॉ. रविन्द्र बाबू पैंडुला, कर्नल (सेवानिवृत्त) सोना राम चौधरी, श्री तमराध्वाज साहु, श्री तारिक अनवर, श्री विक्रम उसेन्दी, श्री रन्जीब बिस्वाल और रवि प्रकाश वर्मा आदि संसद सदस्य शामिल हुए।
बैठक के दौरान, ‘भुगतान के डिजिटल माध्यम – नकदरहित लेनदेन को प्रोत्साहन’ विषय पर एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी दी गई। नकदरहित लेनदेन के ज़रिए भुगतान के डिजिटल माध्यमों को प्रोत्साहित करने की दिशा में सम्माननीय सांसदों अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने परामर्श समिति के सभी सदस्यों का स्वागत किया। श्री प्रधान ने ईंधन केन्द्रों पर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय एवं तेल विपणन कंपनियों द्वारा किए गए प्रयासों पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन अभियान में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने मुख्य भूमिका निभाई है। ऐसा करने के लिए एक तीन आयामी रणनीति अपनाई गई, जिसमें ईंधन केन्द्रों पर डिजिटल भुगतान के लिए आधारभूत सुविधाओं का विस्तार करना, व्यापक जागरूकता अभियान चलाना और डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहकों को लाभांवित करना आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से संबद्ध 38,128 रिटेल आउटलेट (खुदरा केन्द्र) पर प्वाइंट ऑफ सेल अर्थात पीओएस की सुविधा है और 86 फीसदी से भी अधिक रिटेल आउटलेटों पर डिजिटल लेनदेन से संबंधित आधारभूत सुविधाएं हैं। देशभर में चार मुख्य भाषाओं में करीब 35,000 ग्राहक जागरूरकता अभियान अब तक आयोजित किए जा चुके हैं। श्री प्रधान ने कहा कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तेल विपणन कंपनियां नकदरहित माध्यम से ईंधन खरीदने वाले ग्राहकों को 0.75 फीसदी की छूट उपलब्ध करा रही हैं। 72,000 से अधिक ई-वैलेट भी शुरू किए जा चुके हैं।
श्री प्रधान ने बताया कि दैनिक नकदरहित लेनदेन 150 करोड़ रुपये प्रतिदिन से बढ़कर 400 करोड़ रुपये प्रतिदिन पर पहुंच गया है। उन्होंने तेल एवं गैस संबंधी शिकायतों के निवारण के लिए एमओपीएनजी ई- सेवा नामक एक समर्पित सोशल नेटवर्किंग मंच के बारे में सम्माननीय सदस्यों को जानकारी दी। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि स्वच्छ पेट्रोल पम्प एप एक ऐसी पहल है, जहां लोग ईंधन केन्द्रों (पेट्रोल पम्प आदि) पर बने शौचालयों की सफाई के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया (फीडबैक) दर्ज़ करा सकते हैं।
मंत्री ने दोहराया कि मंत्रालय रविवार के दिन पेट्रोल पम्पों को बंद रखने की पेट्रोल पम्प संचालकों के एक धड़े की किसी भी पहल को न तो मंज़ूरी देता है और न ही इसकी पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत पीसीआरए और तेल विपणन कंपनियों द्वारा ईंधन संरक्षण को लेकर व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
श्री प्रधान ने बहुमूल्य सुझाव और सहयोग के लिए सलाहकार समिति के सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि सम्माननीय सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभारता से विचार किया जाएगा और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने की दिशा में इन महत्वपूर्ण सुझावों की मदद ली जाएगी।
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