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प्रदेश में अपराध व कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए: मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: पुलिस विभाग अपराध के खिलाफ संगठित तरीके से काम करे। पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाकर क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। प्रदेश का 10 वर्षीय ट्रेफिक प्लान तैयार किया जाए। मादक पदार्थों पर प्रभावी रोक लगाई जाए। अवैध खनन को रोकने में स्थानीय पुलिस की सक्रियता को बढ़ाया जाए। पुलिस मुख्यालय में प्रदेश में अपराध व कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुखबिर तंत्र को मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की समस्या एक खतरनाक बीमारी के रूप में उभर रही है। ड्रग्स माफिया के तंत्र के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की जाए। बाहर से आने वाले संदिग्ध लोगों का रिकार्ड पुलिस के पास रहना चाहिए।

      मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में अवैध खनन को रोकने की जिम्मेवारी केवल स्पेशल माईनिंग सैल की ही नहीं है। स्थानीय पुलिस अधिकारी भी अवैध खनन संबंधी गतिविधियों को रोकने का काम करें। इसके लिए आवश्यक अधिकार एसपी व एसएसपी को दिए जाएंगे। इन अधिकारों का दुरूपयोग न हो इसकी जिम्मेवारी रेंज के डीआईजी व आईजी की होगी।
मुख्यमंत्री ने नई अवैध बस्तियों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए संबंधित थानाधिकारियों की जिम्मेवारी तय की जाए। बाहर से आने वालों द्वारा यहां अवैध बस्तिया बसाने से हमारे सिस्टम पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। सीएम ने डीजीपी को जिलों में इंटेलीजेंस नेटवर्क को सशक्त करने व इसकी माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिए। मादक पदार्थों की समस्या गहराती जा रही है। जल्द ही यह लगना चाहिए कि ड्रग माफिया पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें रिजल्ट चाहिए। आम जनता को लगना चाहिए कि अपराधों पर रोक लगाने के लिए पुलिस पूरी सक्रियता से काम कर रही है। ऐसा तभी होगा जबकि पुलिस गश्त बढ़ाई जाए। संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जाए। सीनियर पुलिस अधिकारी पुलिस थानों, चैकियों व चेकपोस्टों का निरीक्षण करें। महिलाओं के खिलाफ अपराधों व ह्यूमन ट्रेफिकिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुलिस अधिकारी व सिपाही चुस्त दुरूस्त लगने चाहिए। इसके लिए नियमित ड्रिल या व्यायाम की आदत बनाएं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश का 10 वर्ष का यातायात प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में पुलिस विभाग में 15 ट्रेफिक इन्स्पेक्टर के पद स्वीकृत किए जाएं। जब तक ये पद स्व्ीकृत होते हैं पुलिस विभाग अपने कुछ इंस्पेक्टरों को इसका दायित्व सौंपे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वाले अवांछित तत्वों पर विशेष नजर रखी जाए। यह कैसे हो सकता है कि ऐसे तत्व थानेदारों की नजर से बच जाएं। पेट्रेालिंग के कल्चर को फिर से प्रारम्भ किया जाए। एसपी व एसएसपी भी रात्रि गश्त के लिए निकलें। आईजी स्तर के अधिकारी जिलों में जाकर थानों व चैकियों का निरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग व शासन के मध्य तालमेल बढ़ाया जाए। आवश्यक कार्मिकों की भर्ती के मामलों को प्राथमिकता दी जाए। प्रत्येक थाने में महिला इंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसी प्रकार पुलिस फोर्स में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाए। एसडीआरएफ  में मेडिकल व इंजीनियर स्टाफ की नियुक्ति को भी प्राथमिकता से लिया जाए। ऐसी प्लानिंग की जाए कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को शीघ्र उपचार दिलाया जा सके। चारधाम यात्रा में आरटीओ के माध्यम से वाहनों की फिटनेस चैकिंग सुनिश्चित कराई जाए। चिन्हित किए गए एक्सीडेंट प्रोन जोन में साईनबोर्ड लगाए जाएं।
बैठक में गृहमंत्री प्रीतम सिंह, डीजीपी बीएस सिद्धू, सचिव गृह विनोद शर्मा, एडीजी अनिल रतूड़ी, अशोक कुमार, रामसिंह मीना सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

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