नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां जम्मू एवं कश्मीर (जे एंड के) राज्य के लिए घोषित प्रधानमंत्री विकास पैकेज (पीएमडीपी) की समीक्षा की। पीएमडीपी की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा 7 नवम्बर, 2015 को जम्मू एवं कश्मीर की अपनी यात्रा के दौरान की गई थी।
यह पैकेज भारत सरकार के 15 मंत्रालयों से संबंधित 63 परियोजनाओं से निर्मित है और इसका परिव्यय 80,068 करोड़ रुपये का है। समीक्षा बैठक में गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर, केंद्रीय गृह सचिव श्री राजीव महर्षि, सभी 15 मंत्रालयों के सचिवों एवं वरिष्ठ अधिकारियों, जम्मू एवं कश्मीर सरकार के विभिन्न विभागों के सचिवों समेत जम्मू एवं कश्मीर के मुख्य सचिव ने हिस्सा लिया।
पीएमडीपी के 80,068 करोड़ रुपये के परिव्यय में से भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा 61,112 करोड़ रुपये (75 प्रतिशत से अधिक) की मंजूरी दी जा चुकी है। राज्य सरकार समेत कार्यान्वयन एजेंसियों को पहले ही 19,961 करोड़ रुपये (55 प्रतिशत से अधिक) जारी किए जा चुके हैं।
पीएमडीपी जम्मू के लिए एम्स, श्रीनगर में एम्स, जिला एवं उप जिला अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सहायता, श्रीनगर, आईआईटी में एक आउट कैंपस के साथ जम्मू में आईआईएम, श्रीनगर में एनआईटी के उन्नयन एवं उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में अतिरिक्त बालिका छात्रावासों जैसी परियोजनाओं के साथ जम्मू एवं कश्मीर के लिए क बड़ा विकास प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
भारत सरकार ने हिमायत योजना के तहत पूर्व स्नातकों एवं स्कूल की पढ़ाई छोड़ने वालों के लिए एक लाख रोजगार प्रदान करने, सभी 22 जिलों में खेल अवसंरचना के लिए एक विस्तृत लेआउट, पशमीना ऊन के विकास, कृषि उपज के लिए शीत भंडारण एवं बागवानी विकास को भी मंजूरी दी है। पैकेज में अमृत योजना के तहत शहरी विकास, स्वच्छ भारत मिशन एवं स्मार्ट सिटीज को भी प्रोत्साहन दिया गया है।
बिजली से संबंधित पांच बड़ी योजनाएं हैं जिनमें श्रीनगर-लेह ट्रांसमिशन लाइन, स्मार्ट ग्रिड एवं स्मार्ट मीटर तथा बिजली वितरण प्रणालियों का संवर्द्धन शामिल है। इसके अतिरिक्त, जम्मू एवं श्रीनगर के लिए सेमी रिंग रोड तथा पनबिजली तथा सौर बिजली परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।
ये परियोजनाएं कार्यान्वन के विभिन्न चरणों में हैं। श्री राजनाथ सिंह ने केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों को निश्चित समय सीमा के साथ पीएमडीपी के कार्यान्वयन में तेजी लाने को कहा जिससे कि जम्मू एवं कश्मीर के लोग जल्द से जल्द भारत सरकार की इन विकास परियोजनाओं का लाभ उठा सकें।