नई दिल्ली: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, विधि एवं कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने नई दिल्ली के द्वारका में एनआईईएलआईटी भवन का उद्घाटन किया।
- मंत्री महोदय ने सभी संबंधित विभागों को जल्द से जल्द भारत को डिजिटल रूप से वास्तव में एक साक्षर देश में रूपांतरित करने के लिए संसाधनों को साझा करने का निर्देश दिया।
- एनआईईएलआईटी ने प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ई कॉन्टेंट पाठ्यक्रमों को आरंभ किया।
- एनआईईएलआईटी ने पिछले 5 वर्षों के दौरान 175 प्रतिशत का विकास दर्ज किया।
- एनआईईएलआईटी ने 11 भाषाओं में सीसीसी (कंप्यूटर कॉन्सेप्ट पर पाठ्यक्रम) पाठ्यक्रम के विभिन्न विषयों पर एनड्रॉयड आधारित स्मार्ट फोनों को लिए 70 एप लॉन्च किए हैं।
- एनआईईएलआईटी के 51 कौशल केंद्रित पाठ्यक्रमों को विभिन्न स्तरों पर एनएसक्यूएफ के साथ मिलाया गया है।
- पिछले 5 वर्षों के दौरान एनआईईएलआईटी ने लगभग 33 लाख उम्मीदवारों को कौशलपूर्ण बनाया है।
- एनआईईएलआईटी के अपने केंद्रों की भारतवर्ष में उपस्थिति पिछले 4 वर्षों के दौरान 22 से बढ़कर 36 हो गयी है। और अधिक केंद्रों की स्थापना की योजना बनाई जा रही है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी आईटी, विधि एवं कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने आज नई दिल्ली के द्वारका में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) के एक नवीन अत्याधुनिक हरित भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी आईटी, विधि एवं कानून राज्य मंत्री श्री पी.पी.चौधरी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। अपने प्रमुख संबोधन में श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “मानव जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है जो सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्रों में हुई प्रवृत्तियों से अछूता है। एनआईईएलआईटी ने इस दिशा में अग्रणी उदाहरण प्रस्तुत किया है और वह कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बना रहा है। डिजिटल साक्षरता के अलावा मूलभूत साइबर सुरक्षा अवधारणाओं में कौशल निर्माण की मांग कई गुणा बढ़ गयी है, और एनआईईएलआईटी समान रूप से इस चुनौती को पूरा करने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देशभर के स्तर पर भारत सरकार की पहलों समेत कौशल विकास कार्यक्रमों के कारगर कार्यान्वयन के लिए एनआईईएलआईटी को यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि प्रत्येक राज्य में कम से कम एक केंद्र के माध्यम से इसकी उपस्थिति हो। ”
उन्होंने यह भी कहा कि, “हम भारत को डिजिटल रूप से एक सशक्त देश के रूप में रूपांतरित करने की दिशा में काम कर रहे हैं और असली उद्देश्य ग्रामीण भारत के प्रत्येक व्यक्ति को डिजिटल साक्षरता उपलब्ध कराना है। अभी तक इस दिशा में समान सेवा केंद्रों (सीएससी) ने काफी सराहनीय काम किया है; और हमारा लक्ष्य 6 करोड़ नागरिकों को डिजिटल साक्षरता पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का है जिसे एनआईईएलआईटी द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। मैं एनआईईएलआईटी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों से इस परियोजना को एक मिशन मोड में लेने और वृहत्तर उद्देश्यों में योगदान देने की अपील करता हूँ जैसे कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कल्पना की है। हमारी कोशिश होगी कि केंद्र एवं राज्य दोनों ही स्तरों पर हमारी सरकारी सेवाएं इस देश के प्रत्येक नागरिक को डिजिटल रूप से उपलब्ध हों।”
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, विधि एवं कानून राज्य मंत्री श्री पी.पी.चौधरी ने नवनिर्मित एनआईईएलआईटी भवन के संस्थागतकरण के लिए एनआईईएलआईटी को बधाई दी और कहा कि “इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को डिजिटल भुगतान समेत डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी भी सौंपी गयी है। इस संबंध में, डिजिटल भुगतानों के संवर्धन के लिए सभी हितधारकों द्वारा सतत् विकास किए जाने की जरूरत है जिससे कि एक कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ा जा सके। उन्होंने कहा कि अन्य संगठनों के साथ मिलकर एनआईईएलआईटी भी इस विजन की दिशा में योगदान दे रहा है।”
इस अवसर पर पश्चिम दिल्ली लोकसभा के माननीय सांसद कर्नल देवेंद्र सहरावत, माननीय विधायक, अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा सरकार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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