ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में पायी जाने वाली कोशिकाओं की असामान्य या अनियंत्रित वृद्धि द्वारा होता है। स्वस्थ मानव शरीर में, सामान्य कोशिकाओं के बूढ़े होने या समाप्त हो जाने पर नई कोशिकाएं उनका स्थान ग्रहण कर लेती है। इस प्रक्रिया में कभी-कभी गढ़बढ़ी हो जाती है तथा शरीर में अनावश्यक नई कोशिकाएं पैदा हो जाती है, जबकि शरीर को उन अनावश्यक नई कोशिकाओं की आवश्यकता नहीं होती है। यह पुरानी और मरणासन्न कोशिकाएं स्वयं समाप्त नहीं होती हैं। जबकि उन्हें स्वयं समाप्त हो जाना चाहिए। प्राय: इन अतिरिक्त कोशिकाओं के निर्माण या बड़े पैमाने पर होने वाले ऊतकों के विकास को ही ट्यूमर कहा जाता हैं। मुख्यत: ट्यूमर दो प्रकार के होते है, जिन्हें सौम्य ट्यूमर (हानिरहित) और घातक (कैंसर ट्यूमर) कहा जाता है।
ब्रेन ट्यूमर के बारे में कुछ तथ्य।
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- सिरदर्द (आमतौर पर, सुबह के समय सिरदर्द होना)।
- मतली और उल्टी।
- बोलने, देखने, या सुनवाई में बदलाव होना।
- चलने या संतुलन में समस्याएं।
- मनोदशा, व्यक्तित्व या ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में परिवर्तन।
- स्मृति के साथ समस्याएं।
- स्नायु/मांसपेशी में चटक या ऐंठन (दौरा या ऐंठन)।
- हाथ व पैरों में सुन्न या झुनझुनी।
- असामान्य थकान और थकावट।
- चलते समय समन्वय में कमी।
- दोहरी दृष्टि।
- निगलने और बोलने में कठिनाई।
- चेहरे की कमजोरी – एक तरफ़ मुस्कान।
- पलकों की कमजोरी – आंख बंद करने में कठिनाई।
- आँखों की अनैच्छिक और अस्थिर गतिविधियाँ।
- उल्टी और गर्दन की जकड़न।
- असमन्वित घूमना और भाषण।
- बोलने में परेशानी और स्मृति की समस्याएं।
- असामान्य उत्तेजना – भय, ब्लैकआउट और अजीब बदबू।
- पश्चकपाल/आक्सपट लोब
- एक तरफ की दृष्टि में बराबर और धीमी क्षति।
- पढ़ने, लिखने या साधारण गणना में परेशानियाँ।
- रास्ते पर चलने में कठिनाई।
- शरीर के एक तरफ सुन्नता या कमजोरी।
- शब्दों को समझने या बोलने में कठिनाई।
- शरीर के एक हिस्से में अस्थिरता और कमजोरी।
- व्यक्तित्व में बदलाव।
- सूँघने की क्षमता में कमी।
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