देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश मंे बैमौसमी वर्षा व हिमपात के कारण हुए नुकसान का विवरण तैयार करने में हो रही देरी पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होने कहा कि किसानों को उनकी फसलों के नुकसान की एवज मे अविलम्ब मुआवजा राशि वितरित करने के लिए 20 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जा चुके है। मुख्यमंत्री ने कृषि एवं औद्यनिकी के क्षेत्र में किसानों को हुए नुकसान के लिए मुआवजा वितरण में हो रही देरी पर भी नाराजगी व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने किसानों को हुए नुकसान का विवरण संकलित करने व मुआवजा राशि वितरण में तेजी लाने के लिए शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदवार जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी अधिकारी मंगलवार तक विवरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
शुक्रवार को बीजापुर अतिथिगृह में कृषि, उद्यान एवं राजस्व विभागों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एन. रविशंकर को जनपद देहरादून, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा को हरिद्वार, एफआरडीसी एस राजू एवं आयुक्त कुमाऊ एस नयाल को उधमसिंह नगर, प्रमुख सचिव कृषि एस. रामास्वामी को नैनीताल, प्रमुख सचिव वन डाॅ. रणवीर सिंह को पौड़ी, सचिव राजस्व भास्करानन्द को अल्मोड़ा, सचिव नगर विकास डीएस गब्र्याल को पिथौरागढ़ सचिव आपदा प्रबंधन आर.मीनाक्षी सुन्दरम को टिहरी, सचिव उद्यान डाॅ. निधि पाण्डे को उत्तरकाशी, सचिव लोनिवि अमित नेगी को चमोली, आयुक्त गढ़वाल सी.एस.नपलच्याल को रूद्रप्रयाग जनपद की जिम्मेदारी सौंपी गई। जबकि निदेशक उद्यान व कृषि चम्पावत व बागेश्वर जनपदों का विवरण तैयार करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि फसलों को हुए नुकसान के साथ ही किसानों के चिन्हीकरण के बाद वास्तविक नुकसान के आधार पर मुआवजा राशि अविलम्ब वितरित की जाय। उन्होंने कहा कि तात्कालिक रुप से एक हजार रुपये की धनराशि प्रभावित किसानों को दिये जाने की व्यवस्था भी निरंतर चलाये रखी जाय। इसके लिये धनराशि की कमी आड़े नही आने दी जायेगी। उन्होंने आईफैड के माध्यम से कृषि एवं औद्यानिकी के बीजों की मिनीकिट भी इस माह के अंत तक किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने इस कार्य के लिये उद्यान एवं कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों को भी जनपदों में जाकर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसानो को हुए नुकसान का मुवाअजा बांटने के बाद उनके लिये रोजगार उपलब्ध कराने की भी कार्ययोजना बनायी जाय। इसके लिये मनरेगा व अन्य फ्लैगशिप कार्यक्रमों व राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाओं से सम्बंधित विभागो से समन्वय स्थापित किया जाय।
बैठक में कृषि मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत, मुख्य सचिव एन.रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।