लखनऊ: सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं संगन्ध पौधा संस्थान द्वारा आयोजित एवं भारतीय लघु उद्धोग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा प्रायोजित आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन आज दिनांक 18.5.2017 को किया गया A तीन दिन चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम कि शुरुआत 16.5.2017 से हुई थी A इस कार्यक्रम में 18 राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मेघालय, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र एवं उड़ीसा आदि से लगभग 132 प्रतिभागियों ने भाग लिया
आज के तकनीकी सत्र मे डॉ. आर के लाल ने येलोवेरा (घृतकुमारी) एवं कालमेघ के उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीकी पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रतिभागियों को बताया कि आज येलोवेरा कि बढ़ती हुई मांग को देखते हुए खेती करने कि आवश्यकता है A येलोवेरा कि खेती करके किसान भाई अधिक लाभ कमा सकते हैं A डॉ. आर के लाल ने आगे बताते हुए कहा कि कालमेघ की खेती खरीफ के सीजन मे अच्छी जल निकास व्यवस्था होने पर फसल लगाकर लाभ पा सकते हैं
इंजीनियर श्री सुदीप टंडन ने सगंध तेलों की गुणवत्ता एवं प्रसंस्करण द्वारा मूल्यवान रासायनिक अवयवों का उत्पादन तथा आसवन विधिओं का प्रदर्शन पर प्रकाश डाला A डॉ. संजय कुमार ने आर्टीमिसिया के उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाओं एवं सुगंधित तेलों एवं औषधीय पौधों का विपणन एवं ई-कामर्स विषय पर विस्तार से चर्चा की A भारतीय लघु उद्धोग विकास बैंक (सिडबी), लखनऊ के श्री अंजनी कुमार श्रीवास्तव, उपमहाप्रबंधक ने सिडबी द्वारा दी जाने वाली बैंकिंग सुविधाओं के बारें में प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी तथा श्री अरूप कुमार, महाप्रबंधक, सिडबी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सिडबी के बारे मे जानकारी दी एवं प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरण किए
समापन सत्र में विभिन्न फैकल्टी सदस्यों के अतिरिक्त डॉ. वी के एस तोमर, कंसल्टेंट, सीमैप, डॉ. संजय कुमार, डॉ. एच पी सिंह, डॉ. राम सुरेश और डॉ. आभा मीना व पूर्व वैज्ञानिक डॉ. आर पी बंसल एवं डॉ. ए के सिंह आदि उपस्थित थे A कार्यक्रम का संचालन एवं प्रबंधन डॉ. आर के श्रीवास्तव ने किया A